दिल्ली की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को वर्ष 2008 के वोट के लिए नोट मामले में गिरफ्तार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के पूर्व सहयोगी सुधींद्र कुलकर्णी की जमानत याचिका खारिज कर दी। विशेष न्यायाधीश संगीता ढींगरा सहगल ने कुलकर्णी के अलावा भाजपा के पूर्व सांसदों फग्गन सिंह कुलस्ते और महावीर सिंह भगौरा की भी जमानत याचिकाएं खारिज कीं। न्यायालय ने कहा, ‘मैं आप सभी लोगों को जमानत नहीं दे रही हूं।’
अपनी अंतरिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद कुलकर्णी न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं। कुलकर्णी गत 27 सितम्बर को विशेष न्यायाधीश के समक्ष पेश हुए थे।
इसके पहले उन्हें गत छह सितम्बर और 19 सितम्बर को न्यायालय में हाजिर होना था लेकिन अमेरिका में होने के नाते वह उक्त दोनों तिथियों पर उपस्थित नहीं हो सके।
कुलस्ते और भगौरा को गत छह सितम्बर को राज्यसभा के सांसद अमर सिंह के साथ गिरफ्तार किया गया। तीस हजारी अदालत परिसर के बाहर कुलकर्णी ने पत्रकारों से कहा, ‘मेरे ऊपर लगा आरोप झूठा और राजनीति से प्रेरित है। इस मामले में मेरी भूमिका भ्रष्टाचार उजागर करने वाले की है।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने अपने सहयोगियों भाजपा के तीन सांसदों और सुहैल हिंदुस्तानी के साथ सांसदों की खरीद-फरोख्त पर से परदा उठाने की कोशिश की। वर्ष 2008 की तत्कालीन सरकार खरीदे गए सांसदों के जरिए लोकसभा में लाए जाने वाले विश्वास प्रस्ताव में जीत सुनिश्चित करना चाहती थी।’
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