भूमि घोटाले के मामले में गिरफ्तार किए गए 68 वर्षीय भाजपा नेता एवं कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को बुधवार को सरकारी विक्टोरिया अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद वापस जेल भेज दिया गया।
येदयुरप्पा इस मामले में 22 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में रहेंगे। येदियुरप्पा ने जेल में ही इलाज कराने पर जोर दिया, जिसके बाद उन्हें एंबुलेंस में परप्पना अग्रहारा जेल ले जाया गया। अस्पताल के सूत्रों ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री मीडिया में आई इन खबरों से दुखी थे कि वह जेल से बचने के लिए अस्पताल में भर्ती हैं। इसलिए उन्होंने जेल में ही इलाज कराने पर जोर दिया।
येदियुरप्पा को मंगलवार को जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी से विक्टोरिया अस्पताल भेजा गया था। इससे पहले कर्नाटक उच्च न्यायालय ने उनकी अंतरिम जमानत अर्जी पर सुनवाई 20 अक्टूबर तक टाल दी थी। जयदेव संस्थान के निदेशक सी एन मंजूनाथ ने कहा था कि येदियुरप्पा के हदय की स्थिति सामान्य और स्थिर है, लेकिन उन्हें डायबिटीज तथा तनाव जैसी अन्य समस्याएं हैं। संस्थान के डॉक्टरों की सलाह पर जेल अधिकारियों ने येदियुरप्पा को यह ध्यान में रखते हुए अस्पताल में भेजने की इजाजत दे दी थी कि उन्हें कई तरह की चिकित्सकीय सलाह की जरूरत है।
जयदेव अस्पताल ने छुट्टी देते वक्त यह भी कहा कि गंभीर डायबिटीज के रोगी पूर्व मुख्यमंत्री को विक्टोरिया अस्पताल से लगे इंस्टीटयूट ऑफ नेफ्रोलॉजी एंड यूरोलॉजी से भी परामर्श लेने की जरूरत है। कांग्रेस ने येदियुरप्पा के अस्पताल में भर्ती होने पर उन पर जेल से बचने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने सोमवार को उच्च न्यायालय में जमानत अर्जी दाखिल की थी। उन्होंने शनिवार को लोकायुक्त अदालत द्वारा जमानत अर्जी खारिज किये जाने के बाद अदालत के समक्ष समर्पण कर दिया था। लोकायुक्त अदालत ने सरकारी जमीनों को गैर अधिसूचित करने में कथित अनियमितताओं के मामले में येदियुरप्पा को 15 अक्टूबर को 22 अक्टूबर तक की न्यायिक हिरासत में भेजा। 15 अक्टूबर को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के कुछ समय बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने बेचैनी और सीने में दर्द की शिकायत की थी और उन्हें जयदेव अस्पताल पहुंचाया गया था।
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