गठबंधन सहयोगी शरद पवार के कमजोर संप्रग संबंधी टिप्पणी की पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार के सामंजस्य को कमतर कर नहीं आंका जाना चाहिए, हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि गठबंधन में मतभेद तो होते ही हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जनता द्वारा मिले जनादेश को पूरा करने के लिए सरकार मिलकर काम कर रही है।
कृषि मंत्री और एनसीपी प्रमुख की कमजोर संप्रग-2 और विभिन्न मुद्दों पर तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के रुख के बारे में पूछे सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि हम गठबंधन सरकार चला रहे हैं। गठबंधन सरकार में मतभेद होना तय है।
तीन दिन की प्रीटोरिया यात्रा से लौटते हुए विशेष विमान में अपने साथ मौजूद संवाददाताओं के सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि असली परीक्षा यह है कि हम इन मतभेदों से सरकार के सामंजस्य को कमतर नहीं होने दें। उन्होंने कहा कि आपको मैं विश्वास दिलाता हूं कि गठबंधन के विभिन्न सदस्यों के बीच मतभेदों के बावजूद संप्रग का प्रबंधन करना कभी भी मुश्किल काम नहीं रहा है। मनमोहन सिंह ने कहा, हमारी सरकार जनता द्वारा दिये गये जनादेश को पूरा करने के लिए मिल जुलकर काम करती है।
नीति निर्धारण में न्यायिक हस्तक्षेप के बारे में कुछ मंत्रियों की टिप्पणियों पर ध्यान दिलाने पर उन्होंने कहा कि कभी-कभी कुछ मंत्री अपने मत को जाहिर करने के लिए लोकतंत्र का लाभ उठा लेते हैं। मनमोहन ने कहा कि लेकिन एक सरकार के तौर पर हम न्यायपालिका का बेहद सम्मान करते हैं और मेरा यह गंभीर विश्वास है कि संविधान ने एक ऐसा रास्ता तैयार किया है जिसपर कार्यपालिका, विधायिक और न्यायपालिका को अमल करना चाहिए। और अगर हम सभी संवैधानिक धर्म का पालन करें तो मेरा मानना है कि सभी चीजें सही हो जाएंगी।
शीर्ष कार्यकारी अधिकारियों को जेल में बंद करने से निवेश पर असर पड़ने संबंधी विधि मंत्री सलमान खुर्शीद के बयान पर उन्होंने कहा, मंत्री ने जो कुछ कहा है, उस पर मेरा टिप्पणी करना उपयुक्त नहीं होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी व्यवस्था में कानूनी उपाय मौजूद हैं। जब भी कोई कानून का गलत इस्तेमाल करता है और उसे जेल में डाला जाता है तो सुधार करने के कानूनी तरीके भी हैं।
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