प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 9 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने के लिये राज्यों से केन्द्र सरकार के साथ मिलकर काम करने का आह्वान करते हुये कहा कि हमें नकारात्मक सोच को त्याग कर भारत को दुनिया की उभरती अर्थव्यवस्थाओं में मजबूती के साथ खड़ा करने के लिये काम करना चाहिये।
राष्ट्रीय विकास परिषद की 56वीं बैठक का उद्घाटन करते हुये प्रधानमंत्री ने राजनीतिक दलों और राज्यों के मुख्यमंत्रियों से आह्वान करते हुये कहा यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम नकारात्मक सोच को बदलें। हम ऐसी दुनिया में हैं जहां अर्थव्यवस्थायें उभरती और लड़खड़ाती रही हैं। ऐसे में हम नकारात्मक सोच में फंस हर समय एक दूसरे की आलोचना करते रह सकते हैं या फिर मिलकर अपने आप को उभरती अर्थव्यवस्थाओं के समूह में मजबूती के साथ खड़ा कर सकते हैं।
प्रधानमन्त्री ने कहा कि राजनीतिक प्रक्रिया ऐसी होनी चाहिये जिसमें सरकारों के साथ दीर्घकालिक विकास हितों के मामले में अल्पकालिक हितों को आड़े नहीं आने दिया जाना चाहिये। उन्होंने इसे स्पष्ट करते हुये कहा कि राजनीतिक दलों को ऐसा कठिन संतुलन बनाना चाहिये जिसमें दीघकालिक राष्ट्रीय एजेंडे को आगे बढ़ाते हुये अपनी प्रतिकूल राजनीतिक स्थिति को भी बरकरार रखा जा सके।
राष्ट्रीय विकास परिषद की इस बैठक में 12वीं पंयवर्षीय योजना के दस्तावेज को मंजूरी दी जानी है। 12वीं योजना अप्रैल 2012 से शुरू होकर मार्च 2017 तक चलेगी। बैठक में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी, कृषि मंत्री शरद पवार और योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया, गहमंत्री पी चिदंबरम, मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल, शहरी विकास मंत्री कमलनाथ सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री और केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रमुख उपस्थित थे।
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