सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुरक्षा कारणों से पेशी की तारीख टालने की जयललिता की मांग खारिज कर दी. जयललिता को अभियुक्त के तौर पर अपने बयान दर्ज कराने के लिए अदालत में पेश होना है. उन्होंने सुरक्षा को आधार बनाकर पेशी से छूट मांगी थी. उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बयान दर्ज करने या लिखित बयान देने की अनुमति मांगी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी मांग खारिज कर दी थी.
कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को जयललिता की पेशी के दौरान पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम करने का आदेश दिया था. न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी की अध्यक्षता वाली पीठ ने बुधवार को कर्नाटक सरकार के सुरक्षा संबंधी हलफनामे के बाद जयललिता को तय तारीख पर ही अदालत में पेश होने का निर्देश दिया. कर्नाटक के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक ने हलफनामे में पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए जाने का भरोसा दिया.
कर्नाटक सरकार ने यह भी कहा कि वह पहले भी राज्य में आने वाली राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय हस्तियों को सुरक्षा दे चुकी है.
जब जयललिता के वकील ने सुरक्षा का मुद्दा उठाया तो पीठ ने कहा, जब वे सार्वजनिक जीवन में हैं तो लोगों से दूर कैसे रह सकती हैं. वकील की दलील थी कि बेंगलूर में पेशी के दौरान पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए हैं, इसलिए पेशी की तारीख कुछ दिनों के लिए टाल दी जाए.
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