बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में खुर्शीद ने कहा, ‘भ्रष्टाचार देश की व्यवस्था में वायरस की तरह प्रवेश कर गया है और यह एक गंभीर चुनौती है। केंद्र सरकार लोकपाल संस्था को संवैधानिक दर्जा देना चाहती है।’ खुर्शीद ने कहा, ‘लोकपाल के समर्थन में देश कैसा आंदोलन हुआ जनता ने देखा है। हम सस्ती लोकप्रियता नहीं चाहते। राष्ट्रीय सलाहकार परिषद ने लोकपाल को सशक्त करने पर चर्चा की है।’ कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘हमारे युवा नेता का कहना है कि संवैधानिक दर्जा देना छोटी मोटी बात नहीं है। लोग लोकपाल लाने में देर की बात कहकर बरगलाने का प्रयास कर रहे हैं। हम जल्द से जल्द संविधान में संशोधन कर लोकपाल को यह दर्जा दिलाने को कटिबद्ध हैं।’
खुर्शीद ने कहा कि भ्रष्टाचार अकेले लोकपाल से दूर नहीं होगा। पहले भी उच्चतम न्यायालय और अन्य अदालतें इसके खिलाफ रही है। सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कई कदम उठा रही है। अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की ओर संकेत करते हुए उन्होंने कहा, ‘एक के बाद एक आंदोलन चलाने की कोशिश हो रही है, लेकिन परिवर्तन की बात नहीं हो रही है।’ संप्रग 2 सरकार के आम आदमी के साथ का संकल्प दोहराते हुए खुर्शीद ने कहा कि हम एक साधारण आदमी को भी मजबूत करना चाहते हैं। इसलिए सरकार जल्द नागरिक अधिकार कानून :सिटीजन चार्टर: लाने जा रही है, जिसे सूचना के अधिकार कानून की तरह लोकप्रिय बनाया जाएगा।
कांग्रेसनीत सरकार की कई पहल को गिनाते हुए उन्होंने कहा, ‘सरकार रिश्वत देकर देश में काम कराने वाली विदेशी कंपनियों के खिलाफ कठोर कानून बनाने जा रही है। इसके अलावा भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करने वालों के संरक्षण के लिए ‘व्हिसलब्लोअर्स कानून’ पर काम चल रहा है।’ कार्यक्रम को नगालैंड के राज्यपाल निखिल कुमार ने भी संबोधित किया।
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