महंगाई को कम करने की कोशिश के तहत भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को फिर एक बार मुख्य ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की वृद्धि कर दी। जनवरी 2010 के बाद से रिजर्व बैंक ने मंगलवार को लगातार 13वीं बार दरों में वृद्धि की है, जिससे वाहन, आवास और वाणिज्यिक ऋण के एक बार फिर से महंगा हो जाना तय है।
मंगलवार को जारी दूसरी तिमाही मौद्रिक समीक्षा में रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए अनुमानित विकास दर को आठ फीसदी से घटाकर 7.6 फीसदी कर दिया, लेकिन महंगाई के मार्च 2012 तक सात फीसदी तक आ जाने के अनुमान को बरकरार रखा।
रिजर्व बैंक ने रेपो दर में 25 आधार अंकों (0.25 फीसदी) की वृद्धि करते हुए इसे 8.5 फीसदी कर दिया। रेपो दर में वृद्धि से रिवर्स रेपो दर स्वत: बढ़कर 7.5 फीसदी हो गई है। रिजर्व बैंक के गवर्नर डी. सुब्बाराव ने मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा, ''मौद्रिक नीति में कड़ाई बरतने से महंगाई को नियंत्रित करने में मदद मिली है। पिछले कदमों को असर हालांकि अभी सामने आना बाकी है और महंगाई विरोधी रुख पर आगे बढ़ना जरूरी है।'' रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि करने के फलस्वरूप उम्मीद की जा रही है कि वाणिज्यिक बैंक अपने ऊपर बढ़ने वाले दबाव को ग्राहकों पर डाल सकते हैं और उपभोक्ता तथा कारपोरेट ऋण पर लगने वाले ब्याज दरों में वृद्धि कर सकते हैं।
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