आस्ट्रेलिया की क्वींसलैंड यूनिवसिर्टी ऑफ टेक्नोलॉजी ने अमिताभ बच्चन को मानद डाक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया. मनोरंजन की दुनिया में किए गए योगदान के लिए अमिताभ को चौथी बार डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया है. आस्ट्रेलियाई विविद्यालय से यह सम्मान स्वीकार करने के बाद अमिताभ ने कहा कि यह विशिष्ठ सम्मान पाकर वह अभिभूत हैं.
अमिताभ ने कहा, ‘‘भारतीय सिनेमा और इसके वैश्विक सिनेमा प्रेमियों तक पहुंचने के प्रयासों के लिए किए गये योगदान पर मुझे गौरव होता है. भारत और आस्ट्रेलिया के फिल्म जगत और दूसरे रचनात्मक क्षेत्रों के बीच एक कड़ी के रूप में काम करने पर मैं गौरवांवित हूं.’’
क्वीसलैंड विविद्यालय से पहले लीसेस्टर, ब्रिटेन का डे मांटफोर्ट विविद्यालय, भारत में झांसी विविद्यालय और दिल्ली विविद्यालय अमिताभ को डाक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित कर चुके हैं.
दो साल पहले अमिताभ ने आस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रों पर हो रहे नस्लीय हमलों के विरोध में आस्ट्रेलियाई विविद्यालय का यह सम्मान लेने से इनकार कर दिया था. आस्ट्रेलिया में भारत के उच्चायुक्त पीटर वर्गीज ने यह सम्मान मिलने पर अमिताभ को बधाई दी और कहा, ‘‘अमिताभ ने सिनेमा के लिए अमूल्य योगदान दिया है और उन्हें यह प्रतिष्ठित सम्मान मिलना आस्ट्रेलिया में उनकी फिल्मों का प्रभाव दर्शाता है.’’
वर्गीज ने कहा, ‘‘आस्ट्रेलिया में बॉलीवुड फिल्मों का उदय भारत और आस्ट्रेलिया के संबंधों में हो रहे असाधारण विकास को दर्शाता है. दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश से लेकर शिक्षा और दोतरफा पर्यटन जैसे तमाम क्षेत्रों में संबंध विकसित हो रहे हैं.’’ गुरुवार सुबह ब्रिस्बेन के ओल्ड गवम्रेंट हाउस में हुए एक समारोह में अमिताभ को क्वींसलैंड विविद्यालय ने मानद डाक्टरेट का यह सम्मान दिया.
अमिताभ आस्ट्रेलिया में अपनी पहली हॉलीवुड फिल्म ‘द ग्रेट गेट्सबाइ’ की शूटिंग के लिए गए हुए हैं. गुरुवार को शूटिंग खत्म होते ही यह सम्मान लेने वह सिडनी से ब्रिस्बेन आए. अमिताभ शुक्रवार को इस आस्ट्रेलियाई विविद्यालय में एक अंतर्राष्ट्रीय यात्रा छात्रवृति की शुरूआत करेंगे. यह छात्रवृति उनके पिता और भारत के प्रसिद्ध कवि डॉक्टर हरिवंश राय बच्चन के नाम पर शुरू की गयी है.
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