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सोमवार, 24 अक्तूबर 2011

मोदी पर दर्ज हो सकता है मुकदमा.

2002 गुजरात दंगों पर मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एहसान जाफरी की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त अमाइकस क्यूरी राजू रामचंद्रन ने अपनी रिपोर्ट में एसआईटी के उलट मोदी के खिलाफ मामला बंद न करने की सिफारिश की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि निलंबित आईपीएस संजीव भट्ट समेत सभी गवाहों से पूछताछ होनी चाहिए।

रिपोर्ट में मुख्यमंत्री को आईपीसी के सेक्शन 153 और 166 के तहत समुदायों के बीच शत्रुता फैलाने और जनसेवक के रूप में दायित्व का निर्वाह ठीक से न करने के लिए उनके खिलाफ मामला चलाने की पैरवी की गई है। एसआईटी की रिपोर्ट में मोदी के खिलाफ केस को बंद करने का सुझाव दिया गया था। वहीं, अमाइक्स क्यूरी का कहना है कि केस को बंद नहीं किया जा सकता क्योंकि केस चलाने के लिए काफी सबूत मौजूद हैं।

600 पेज की एसआईटी रिपोर्ट में कहा गया था कि गुलबर्ग सोसाइटी में मुसलमानों पर हमलों में सरकार की प्रतिक्रिया वैसी नहीं थी, जैसी होनी चाहिए थी। हालांकि, इसमें मोदी के खिलाफ सबूत न होने की बात कहते हुए केस को आगे न बढ़ाने की पैरवी की गई थी। एसआईटी ने विश्व हिंदू परिषद की विचारधारा वाले वकील को दंगों से जुड़े केसों के लिए पब्लिक प्रॉसिक्यूटर अपॉइंट करने पर मोदी सरकार की आलोचना की थी। एसआईटी रिपोर्ट ने कहा है कि मोदी के खिलाफ संगीन आरोप न होने के कारण केस को आगे बढ़ाना उचित नहीं है।

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