दिल्ली हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार के एक मामले में पूर्व संचार मंत्री सुखराम को जमानत दे दी. दिल्ली की एक निचली अदालत ने उन्हें 1996 में हुए एक भ्रष्टाचार के मामले में पांच साल की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने सुखराम को 10 लाख का निजी मुचलका भरने को कहा और साथ ही उनको देश छोड़ने पर रोक लगा दी. कोर्ट ने उनको उम्र और सेहत के आधार पर जमानत दी.
सुखराम ने इस सजा के विरोध में दिल्ली हाईकोर्ट में अपील दायर की थी. वे नरसिंह राव सरकार में दूरसंचार मंत्री थे. उनको भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया गया था. सुखराम ने अपनी उम्र के आधार पर सजा में रिआयत की मांग की थी. 86 वर्षीय सुखराम को वर्ष 1996 में एक निजी फर्म को ठेका देने के लिए तीन लाख रुपए की रिश्वत लेने का दोषी ठहराया गया है.
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