सोमवार कनिमोड़ी और पूर्व टेलिकॉम मिनिस्टर सुखराम के लिए राहत भरा दिन रहा। दोनों को अलग-अलग मामलों में दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत दे दी। दिल्ली हाई कोर्ट ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में आरोपी डीएमके सांसद कनिमोड़ी को जमानत दी, वहीं पूर्व दूरसंचार मंत्री सुखराम की सजा पर भी रोक लगाते हुए उन्हें बेल दे दी। सुखराम को रिश्वतखोरी के मामले में निचली अदालत ने दोषी करार देते हुए 19 नवंबर को 5 साल कैद की सजा सुनाई थी।
हाई कोर्ट के जज जस्टिस वी.के.शाली ने कहा, 'मैं 5लोगों को जमानत देता हूं, पर शर्तें सुप्रीम कोर्ट की लगाई गईं शर्तों के जैसी होंगी।' कोर्ट ने कनिमोड़ी के साथ-साथ फिल्म निर्माता करीम मोरानी, कलैग्नार टीवी के एमडी शरद कुमार और कुसेगांव फ्रूट ऐंड वेजिटेबिल्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल को भी जमानत दे दी। कोर्ट ने इन पांचों को 1-1 लाख रुपये सिक्युरिटी के तौर पर जमा करने का निर्देश दिया।
हाई कोर्ट ने पूर्व टेलिकॉम सेक्रेटरी सिद्धार्थ बेहुरा की जमानत पर फैसला सुरक्षित रखा है। अदालत ने कहा कि उनकी याचिका का सीबीआई ने विरोध किया है और वह इसपर अपना फैसला बाद में सुनाएगी। जस्टिस शाली ने बेहुरा के वकील अमन लेखी से कहा, 'आप सीबीआई की दलीलों पर अपना लिखित जवाब दाखिल करें।' शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने कनिमोड़ी और पांच आरोपियों की जमानत पर सुनवाई सोमवार तक के लिए टाल दी थी। अदालत में जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान दलीलें पूरी कर ली गई थीं। सीबीआई ने इस मामले में अपनी दलीलें पेश कीं, लेकिन उसने जमानत अर्जी का सीधे तौर पर विरोध नहीं किया और मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का हवाला दिया था।
कनिमोड़ी के अलावा तत्कालीन टेलिकॉम सेक्रेटरी सिद्धार्थ बेहुरा, फिल्म निर्माता करीम मोरानी, कलैग्नार टीवी के एमडी शरद कुमार और कुसेगांव फ्रूट ऐंड वेजिटेबिल्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल ने हाई कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी। 2जी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 5 आरोपियों यूनिटेक लिमिटेड के एमडी संजय चंद्रा, स्वान टेलिकॉम के डायरेक्टर विनोद गोयनका, रिलायंस एडीएजी के हरि नायर, गौतम दोषी और सुरेंद्र पिपारा को पहले ही जमानत दी जा चुकी है।
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