चीन और पाकिस्तान जैसे प्रतिद्वंद्वियों को अपनी वायु शक्ति दिखाने के लिए भारतीय वायुसेना अपने आठ दशक के वजूद का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास करने की तैयारी कर रही है। इसमें वह अपनी पूरी ताकत झोंक देगी। का सबसे
वायु सेना के उच्च पदस्थ सूत्रों ने खुलासा किया है कि लाइव वायर नाम से होने वाले इस अभ्यास में कमान और थियेटर स्तर से ऊपर उठते हुए पहली बार समूची वायुसेना की सभी कमानों को शामिल किया जाएगा और वह एक तरह से वायुसेना का अश्वमेघ यज्ञ होगा।
वायुसेना अपनी स्थापना के अस्सीवें साल में एक महीने का इतना बड़ा अभ्यास करने जा रही है जो अभी तक एशिया महाद्वीप में किसी देश ने नहीं किया। इस अभ्यास में वायुसेना डिजीटल युद्ध के वातावरण में अपने नेटवर्क सैट्रिक तरीकों से पूरी जंग का संचालन करेगी। सुखोई 30 एमकेआई से लेकर मिराज और जगुआर तक सभी लड़ाकू विमानों, हमलावर हेलिकॉप्टरों और बमवर्षकों के अलावा एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम्स यानी अवाक्स विमानों की समूची ताकत को भारतीय आकाश में दिखाया जाएगा। इसमें अमेरिका से लिए गए सी 130 जे सुपर हरक्यूलिस जैसे विशेष कार्रवाई वाले विमानों की क्षमता भी परखी जाएगी। वायुसेना के सूत्रों ने कहा कि इस महाभ्यास में वायु सेना पश्चिमी और पूर्वी सेक्टर को हवाई जंग का अखाड़ा बनाएगी और देश के दक्षिणी एवं मध्य भाग को भी अभ्यास के दायरे में लिया जाएगा। वायुसेना का यह अभ्यास ऐसे समय हो रहा है जब चीन और पाकिस्तान की वायुसेनाओं की ताकत में तेजी से इजाफा होने के दावे हो रहे हैं।
सूत्रों ने कहा कि वायुसेना अपने मौजूदा 33 लड़ाकू स्क्वेड्रनों की पूरी क्षमता का आकलन करेगी और अपने हेलीकाप्टर एवं परिवहन विमानों के बड़े की ताकत की भी समीक्षा करेगी। इस अभ्यास के नतीजों के आधार पर भविष्य की जरूरतों का आकलन किया जाएगा और पुरानी पड़ते जा रही हवाई क्षमताओं को चरणबद्ध तरीके से हटाने का कार्यक्रम तय किया जाएगा।
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