भारत-चीन के विशेष प्रतिनिधियों के बीच सोमवार से प्रस्तावित वार्ता के अचानक टलने के पीछे दलाई लामा को लेकर चीन की हठ है। चीन चाहता था कि दिल्ली में दलाई लामा का कार्यक्रम रद्द हो। भारत ने ऐसा करने से स्पष्ट इनकार कर दिया था। सूत्रों ने शनिवार देर रात यह जानकारी दी।
दलाई लामा रविवार से दिल्ली में शुरू होने वाले वैश्विक बौद्ध सभा को संबोधित करने वाले हैं। चीन पहले इसी बात पर अड़ा रहा कि दलाई लामा का भाषण रद्द किया जाए। भारत ने इससे इनकार किया तो उसने कहा कि कार्यक्रम ही रद्द करें।
नई दिल्ली ने स्पष्ट किया कि भारत लोकतांत्रिक देश है। भाषण देने पर पाबंदी नहीं लगाई जा सकती। इस वजह से चीन की मांग को पूरा नहीं किया जा सकता। बीजिंग ने यह तक कह दिया कि सीमा विवाद पर बातचीत और दिल्ली में दलाई लामा का भाषण एक साथ संभव नहीं है। इस पर भारतीय पक्ष ने कहा कि नई तारीखों को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा।
विदेश मंत्रालय का पब्लिक डिप्लोमेसी डिवीजन चार दिवसीय धार्मिक सभा का सह-आयोजक है। यह कार्यक्रम बुधवार को दलाई लामा के भाषण के साथ ही खत्म होगा। हालांकि दोनों पक्षों ने विशेष प्रतिनिधियों के बीच बातचीत रद्द होने का कोई आधिकारिक कारण नहीं बताया है। चीनी दूतावास ने भी इस पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
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