खुदरा एफडीआई के मुद्दे पर चली राजनीतिक आंधी के बीच मंगलवार को आयोजित सर्वदलीय बैठक बेनतीजा रही। बैठक की अध्यक्षता कर रहे प्रणब मुखर्जी ने कहा कि सभी दलों की राय पीएम को बताएंगे।
विपक्ष ने साफ कर दिया है कि सरकार को फैसला वापस लेना होगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो संसद नहीं चलने देंगे। विपक्षी दलों ने कहा है कि इस मुद्दे पर वह प्रधानमंत्री से बात करेंगे। सरकार की सहयोगी पार्टी तृणमूल ने भी अपने रुख पर कायम रहते हुए कहा कि सरकार को फैसला वापस लेना ही होगा। खुदरा एफडीआई के मुद्दे पर चली राजनीतिक आंधी न सिर्फ संसद के भीतर बल्कि बाहर भी तेज हो गयी है और शीतकालीन सत्र के शुरूआती पांच दिन इस सहित विभिन्न मुद्दों पर हंगामे की भेंट चढ चुके हैं।
सरकार ने बहु ब्रांड खुदरा (मल्टीब्रांड रिटेल) क्षेत्र में 51 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति दी है, जिसके बाद अगले ही दिन संसद के दोनों सदनों में जबरदस्त हंगामा हुआ। इससे पहले शुरुआती चार दिनों में महंगाई और तेलंगाना जैसे मुद्दों पर हंगामे के कारण बैठक नहीं चल पायी थी। रिटेल एफडीआई का अब तक संप्रग का महत्वपूर्ण घटक तृणमूल ही विरोध कर रहा था, लेकिन सोमवार को एक अन्य घटक द्रमुक भी इस मुद्दे पर खुलकर सरकार के खिलाफ आ गया।
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