पाकिस्तान की सीमा में नाटो के हमले के बाद पाकिस्तान ने अमेरिका को अपने यहां स्थित उसका एक महत्वपूर्ण एयरबेस खाली करने को कहा है। पाकिस्तान ने अमेरिका को इसके लिए 15 दिनों की मोहलत दी है।
कैबिनेट की रक्षा मामलों की समिति की बैठक के बाद पाकिस्तान सरकार ने कहा है कि वो अमरीका, नैटो और अंतरराष्ट्रीय गठबंधन के साथ सभी कार्यक्रमों पर जारी सहयोग पर दोबारा विचार करेगी जिसमें कूटनीतिक, राजनीतिक, सैन्य सहयोग शामिल है। समिति ने यह भी कहा है कि अमरीका को शम्सी हवाई अड्डा 15 दिन में खाली करना होगा। अमरीका यहां से ड्रोन हमले करता है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने नाटो हमले में मारे गए सैनिकों के प्रति संवेदना जाहिर की है। अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और रक्षा मंत्री लियोन पेनेटा ने संयुक्त बयान जारी कर इस हमले पर अफसोस जाहिर किया। अमेरिका ने कहा है कि इस पूरे मामले की जांच की जाएगी। गौरतलब है कि अफगानिस्तान की सीमा से सटे पाकिस्तान के मोहमंद इलाके में शनिवार तड़के हुए हवाई हमले में दो अफसरों समेत पाक सेना के 28 लोग मारे गए।
अमेरिकी और नाटो सेनाओं को सभी तरह की सप्लाई रोकने के बाद पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी ने सेना को जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार रहने को कहा है। पाकिस्तान के विदेश सचिव सलमान बशीर ने पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत कैमरॉन मुंटेर को बुलाकर विरोध जताया। मुंटेर ने अफसोस जताते हुए जांच में सहयोग की पेशकश की है। नाटो के प्रवक्ता ने माना है कि इस बात की आशंका काफी ज्यादा है कि अफगान सीमा पर हुए हमले के लिए नैटो जिम्मेदार है। ब्रिगेडियर जनरल कार्स्टन जैकबसन ने पाकिस्तान को शोक संदेश भेजा है और कहा कि नैटो इस बात की जांच कर रहा है कि यह घटना कैसे हुई।
पाकिस्तान ने अमरीका और नाटो के साथ सहयोग की नीति पर फिर से विचार करने के आदेश दिए हैं। प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी की अध्यक्षता में बनी समिति ने अफगानिस्तान में नाटो के लिए खाद्य और अन्य सामग्री ले जाने वाले रास्ते बंद कर दिए हैं। गिलानी ने इस हमले को पाकिस्तान की संप्रभुता में दखल बताया है। पाकिस्तान की अवाम में भी नाटो हमले को लेकर गुस्सा है। शनिवार को लाहौर में प्रदर्शनकारियों ने अमेरिका विरोधी रैली निकाली।
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