हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, बिहार, झारखण्ड और उड़ीसा की विभिन्न विधानसभा सीटों के लिए बुधवार को मतदान शुरू हो गया। इन सभी सीटों पर निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
हिमाचल प्रदेश के रेणुका (आरक्षित) व नालागढ़ निर्वाचन क्षेत्रों पर सुबह आठ बजे मतदान शुरू हुआ। सर्दी के बावजूद मतदाता मतदान शुरू होने के काफी पहले से ही मतदान केंद्रों पर पहुंच गए। दोनों क्षेत्रों में कांग्रेस व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार आमने-सामने हैं। भाजपा के पूर्व मंत्री व तीन बार विधायक रह चुके एच.एन.सेनी के निधन की वजह से नालागढ़ सीट पर उपचुनाव कराना पड़ रहा है। इसी तरह रेणुका सीट भी कांग्रेस से छह बार विधायक रहे प्रेम सिंह के निधन के कारण रिक्त हो गई थी। दोनों सीटों पर वोटों की गिनती चार दिसम्बर को होगी।
हरियाणा की आदमपुर व रतिया विधानसभा सीटों पर कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच मतदान शुरू हुआ। प्रदेश की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सुमिता मिश्रा ने बताया कि आदमपुर विधानसभा क्षेत्र में कुल 137,949 मतदाता हैं जबकि रतिया में 176,129 मतदाता हैं। आदमपुर विधानसभा सीट हरियाणा जनहित कांग्रेस (एचजेसी) के उम्मीदवार कुलदीप विश्णोई के हिसार संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हो जाने से सीट खाली हुई थी।
रतिया विधानसभा सीट सितम्बर से रिक्त है। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) विधायक ज्ञानचंद ओध के निधन के बाद यह सीट खाली हुई थी। कर्नाटक में बेल्लारी ग्रामीण विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान शुरू हुआ। उपचुनाव सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में खनन कारोबारी रेड्डी बंधुओं का भविष्य तय करेगा। मतदान सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक जारी रहेगा। भाजपा और विधानसभा से इस्तीफा दे चुके रेड्डी बंधुओं ने इस उपचुनाव में अपने सहयोगी एवं पूर्व मंत्री बी. श्रीरामालु को निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा है।
श्रीरामालु इसी विधानसभा सीट से मई 2008 में भाजपा से निर्वाचित हुए थे। उपचुनाव में भाजपा ने बेल्लारी के व्यवसायी पी. गदीलिंगप्पा को मैदान में उतारा है। गदीलिंगप्पा पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। सुरक्षा-व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए 195 निर्वाचन केंद्रों पर 2,500 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। इनमें से 100 निर्वाचन केंद्रों को संवेदनशील व 15 को अतिसंवेदनशील बताया गया है।
बिहार के मधुबनी जिले की रिक्त पड़ी लौकहा विधानसभा सीट के लिए सुबह आठ बजे मतदान प्रारम्भ हो गया। राज्य के पूर्व पंचायती राजमंत्री एवं जनता दल (युनाइटेड) के विधायक हरिप्रसाद साह के निधन के बाद यह सीट खाली हुई थी। लौकहा में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मतदान के लिए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। कुल 2,62,375 मतदाताओं के लिए 248 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। सभी मतदान केंद्रों पर सशस्त्र बलों की तैनाती की गई है। समता पार्टी के संस्थापकों में से एक रहे साह का निधन बीते सितम्बर महीने में होने के कारण यह सीट रिक्त हो गई थी। इस सीट के लिए जद (यु) ने जहां साह के पुत्र सतीश कुमार साह को उम्मीदवार बनाया है वहीं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने डा. मुख्तार अहमद और कांग्रेस ने रामसुंदर तरैत को चुनाव मैदान में उतारा है।
हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, बिहार, झारखण्ड और उड़ीसा की विभिन्न विधानसभा सीटों के लिए बुधवार को मतदान शुरू हो गया। इन सभी सीटों पर निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। हिमाचल प्रदेश के रेणुका (आरक्षित) व नालागढ़ निर्वाचन क्षेत्रों पर सुबह आठ बजे मतदान शुरू हुआ। सर्दी के बावजूद मतदाता मतदान शुरू होने के काफी पहले से ही मतदान केंद्रों पर पहुंच गए।
भाजपा के पूर्व मंत्री व तीन बार विधायक रह चुके एच.एन.सेनी के निधन की वजह से नालागढ़ सीट पर उपचुनाव कराना पड़ रहा है। इसी तरह रेणुका सीट भी कांग्रेस से छह बार विधायक रहे प्रेम सिंह के निधन के कारण रिक्त हो गई थी। दोनों सीटों पर वोटों की गिनती चार दिसम्बर को होगी।
हरियाणा की आदमपुर व रतिया विधानसभा सीटों पर कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच मतदान शुरू हुआ। प्रदेश की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सुमिता मिश्रा ने बताया कि आदमपुर विधानसभा क्षेत्र में कुल 137,949 मतदाता हैं जबकि रतिया में 176,129 मतदाता हैं।
आदमपुर विधानसभा सीट हरियाणा जनहित कांग्रेस (एचजेसी) के उम्मीदवार कुलदीप विश्णोई के हिसार संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हो जाने से सीट खाली हुई थी।
रतिया विधानसभा सीट सितम्बर से रिक्त है। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) विधायक ज्ञानचंद ओध के निधन के बाद यह सीट खाली हुई थी।
कर्नाटक में बेल्लारी ग्रामीण विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान शुरू हुआ। उपचुनाव सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में खनन कारोबारी रेड्डी बंधुओं का भविष्य तय करेगा।
मतदान सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक जारी रहेगा। भाजपा और विधानसभा से इस्तीफा दे चुके रेड्डी बंधुओं ने इस उपचुनाव में अपने सहयोगी एवं पूर्व मंत्री बी. श्रीरामालु को निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा है।
श्रीरामालु इसी विधानसभा सीट से मई 2008 में भाजपा से निर्वाचित हुए थे। उपचुनाव में भाजपा ने बेल्लारी के व्यवसायी पी. गदीलिंगप्पा को मैदान में उतारा है। गदीलिंगप्पा पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
सुरक्षा-व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए 195 निर्वाचन केंद्रों पर 2,500 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। इनमें से 100 निर्वाचन केंद्रों को संवेदनशील व 15 को अतिसंवेदनशील बताया गया है।
बिहार के मधुबनी जिले की रिक्त पड़ी लौकहा विधानसभा सीट के लिए सुबह आठ बजे मतदान प्रारम्भ हो गया। राज्य के पूर्व पंचायती राजमंत्री एवं जनता दल (युनाइटेड) के विधायक हरिप्रसाद साह के निधन के बाद यह सीट खाली हुई थी।
लौकहा में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मतदान के लिए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। कुल 2,62,375 मतदाताओं के लिए 248 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। सभी मतदान केंद्रों पर सशस्त्र बलों की तैनाती की गई है।
समता पार्टी के संस्थापकों में से एक रहे साह का निधन बीते सितम्बर महीने में होने के कारण यह सीट रिक्त हो गई थी। इस सीट के लिए जद (यु) ने जहां साह के पुत्र सतीश कुमार साह को उम्मीदवार बनाया है वहीं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने डा. मुख्तार अहमद और कांग्रेस ने रामसुंदर तरैत को चुनाव मैदान में उतारा है।
झारखण्ड के रामगढ़ जिले की मांडू विधानसभा उपचुनाव के लिए बुधवार को 400 मतदान केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ। झामुमो से जयप्रकाश पटेल व झाविमो से मनीष जायसवाल मैदान में हैं। कुमार महेश सिंह कांग्रेस व चंद्रनाथ भाई पटेल भाकपा माले व मासस के प्रत्याशी हैं। जदयू से खीरु महतो चुनाव लड़ रहे हैं। मांडू सीट पर 2,98,460 मतदाता 22 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला करेंगे।
ओडिशा के नबरंगपुर जिले की उमरकोट विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच मतदान शुरू हो गया। सुबह आठ बजे मतदान शुरू हो गया जो शाम चार बजे तक जारी रहेगा। अब तक इस निर्वाचन क्षेत्र के किसी भी हिस्से से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। शांतिपूर्ण ढंग से मतदान हो रहा है । उमरकोट विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। बीजू जनता दल (बीजद) के विधानसभा सदस्य जगबंधू माझी की 24 सितम्बर को हत्या होने के बाद से यह सीट रिक्त थी।
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