भारत, जापान और अमेरिका के बीच पहली त्रिपक्षीय वार्ता वाशिंगटन में 19 दिसम्बर को होने जा रही है। इस बातचीत में तीनों देशों के बीच एशिया प्रशांत क्षेत्र के कई सारे मुद्दों पर चर्चा होगी।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मार्क टोनर ने सोमवार को कहा कि यह बैठक एशिया प्रशांत क्षेत्र के कई सारे मुद्दों पर व्यापक चर्चा करने का एक अवसर होगा। टोनर ने कहा कि बैठक का एजेंडा अभी तय किया जा रहा है, लेकिन जाहिर है कि तीन प्रमुख प्रशांत लोकतंत्रों के रूप में हम भारत और जापान के साथ फलदायी बातचीत के लिए उत्सुक हैं।
यह पूछे जाने पर कि हिंद महासागर के देश भारत को प्रशांत क्षेत्र के एक लोकतंत्र के रूप में बैठक में क्यों आमंत्रित किया गया है, टोनर ने कहा कि क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए यह हमारे लिए एक बदलाव है। यह पूछे जाने पर कि ऑस्ट्रेलिया को बैठक में क्यों नहीं आमंत्रित किया गया, टोनर ने कहा कि यह बैठक पूरी तरह समग्र नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं ऑस्ट्रेलिया के बारे में नहीं जानता। ये सभी वार्ताएं पूरी तरह समग्र नहीं होतीं। वैसे भी हमारे लिए यह क्षेत्र के तीन प्रमुख लोकतंत्रों के साथ बातचीत करने का एक मौका है।
पहले यह वार्ता आठ अक्टूबर को टोक्यो में होने वाली थी। लेकिन अमेरिका के अनुरोध पर इसे स्थगित कर दिया गया था। इस बैठक की पेशकश टोक्यो द्वारा की गई थी और तत्कालीन विदेश सचिव निरूपमा राव के अप्रैल 2011 में हुए जापान दौरे के दौरान इसे अंतिम रूप दिया गया था। यह वार्ता घोषित पूर्वोन्मुखी नीति (लुक इस्टी पॉलिसी) और साथ ही उत्तर एशिया के साथ जुड़ाव से आगे जाने के नई दिल्ली के प्रयास का भी हिस्सा है। अमेरिकी दृष्टिकोण से इस वार्ता को इराक और अफगानिस्तान में युद्ध का माहौल शांत होने के बाद एशिया के लिए अमेरिकी नीति की एक धुरी के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है।
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