गृह मंत्री पी. चिदंबरम के कन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट के खुलासे के बाद चिदंबरम विपक्ष के निशाने पर हैं। आज भी संसद की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई लेफ्ट और राइट ने चिदंबरम के इस्तीफे और पीएम की सफाई को लेकर संसद में हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे को देखते हुए लोकसभा को दोपहर 12 बजे और फिर 19 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया। वहीं, राज्यसभा को भी हंगामे के बाद 19 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
वामपंथी दलों ने इस मामले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से सफाई की मांग की। बीजेपी ने चिदंबरम से इस्तीफा मांगा। साथ ही टीम अन्ना ने भी इसे पद के दुरुपयोग का मामला बताया है। देश के कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने इस मामले में कहा कि सरकार कोर्ट में जवाब देगी। बीजेपी नेता चंदन मित्रा ने कहा कि आज सुबह राज्यसभा में चर्चा के लिए प्रस्ताव दिया था। जिसे नहीं माना गया। चिदंबरम के खिलाफ संगीन आरोप लगे हैं। हम मांग करते हैं कि चिदंबरम इस्तीफा दें। उन्हें पद पर बने रखने का कोई अधिकार नहीं है। हम प्रधानमंत्री से उम्मीद करते हैं कि वो विदेश से लौटने के बाद संसद में सफाई दें और गृह मंत्री चिदंबरम का इस्तीफा लें।
गुरुवार को भी चिदंबरम का मुद्दा दोनों सदनों में छाया रहा था। विपक्ष ने सीधे-सीधे गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए सरकार की जबरदस्त घेरेबंदी की थी। विपक्ष की नजर में गृहमंत्री के इशारे पर ही गृहमंत्रालय ने एक ऐसे व्यवसायी के खिलाफ चल रहे चार आपराधिक मामले वापस लेने की सिफारिश की जिसे राहत देने से हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया था। हंगामे की वजह से संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। बीजेपी ने चिदंबरम को अपराधी और देश के लिए खतरा तक बता डाला।
बीजेपी नेता य़शंवत सिन्हा ने प्रधानमंत्री से चिदंबरम को तुरंत बर्खास्त करने की मांग की। लेफ्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सीधे प्रधानमंत्री से सफाई मांगी तो जनता पार्टी के नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने चिदंबरम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। एक के बाद एक आरोपों से घिर रहे चिदंबरम को लेकर कांग्रेस भी असहज है। पार्टी प्रवक्ता, राशिद अल्वी ने इस सिलसिले में खुद कुछ ना बोलते हुए मीडिया को चिदंबरम से ही जवाब मांगने की सलाह दी। वहीं सरकार की तरफ से संसदीय कार्यराज्यमंत्री राजीव शुक्ला ने सफाई दी कि गृहमंत्रालय ने कानून मंत्रालय की राय को ही आगे बढ़ाया था।
टीम अन्ना का साफ कहना है कि सीबीआई को लोकपाल के दायरे में लाकर ही पद के दुरुपयोग के इस गंभीर मामले की जांच हो सकती है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस मामले की जांच हमारे देश की कौन से जांच एजेंसी करेगी? क्या पुलिस कर सकती है? जो सीधे सीधे चिदंबरम के अन्दर में आती है। क्या सीबीआई कर सकती है? जो सीधे सीधे सरकार के अन्दर में आती है। यह मामला पद के दुरूपयोग का बनता है। ये प्रश्न हम सारे देश के सामने रखना चाहते हैं और इसलिए हम बार बार कहते हैं कि सीबीआई को सरकार के चंगुल से हटाना पड़ेगा।
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