सीबीआई की विशेष अदालत में जनता पार्टी अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी की अर्जी मंजूर हो गई है जिससे 2जी घोटाले में केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम को बड़ा झटका लगा है। अब स्वामी को इस मामले में दो गवाहों से 'क्रॉस इक्जामिनेशन' का रास्ता साफ होता दिख रहा है। इनमें से एक गवाह सीबीआई में संयुक्त निदेशक थे और दूसरा वित्त मंत्रालय में बड़े पद पर थे। स्वामी ने कहा- अब वह अपनी दूसरी याचिका पर आगे बढ़ेंगे। इस याचिका में चिदंबरम के खिलाफ समन जारी करने की मांग की गई है।
स्वामी का आरोप है कि स्पेक्ट्रम की कीमतों को लेकर तत्कालीन वित्त मंत्री (पी. चिदंबरम) को तब के दूरसंचार मंत्री (ए.राजा) के प्लान की पूरी जानकारी थी। उनका कहना है कि वित्त मंत्री की जानकारी के बिना घोटाले को अंजाम नहीं दिया जा सकता था।
गुरुवार के कोर्ट के फैसले के बाद 17 दिसंबर को स्वामी कोर्ट को यह बताएंगे कि उनके पास चिदंबरम के खिलाफ क्या सुबूत हैं। इसके बाद जरूरी हुआ तो कोर्ट उन दो गवाहों को अदालत में बतौर गवाह पेश होने को कह सकती है।
अदालत के फैसले के बाद स्वामी ने कहा, ‘अदालत ने मेरी याचिका मंजूर कर ली लेकिन शर्त रखी कि पहले मुझे कोर्ट में पेश होकर बताना होगा कि इन दो अधिकारियों से पूछताछ की जरूरत क्यों है।’ पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में स्वामी ने कहा, ‘किसी मंत्री ने खुद इस्तीफा नहीं दिया है, बल्कि उसे हटाना पड़ा है।’
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