2जी स्पेक्ट्रम आबंटन में पूर्व वित्त मंत्री और वर्तमान गृह मंत्री पी चिदंबरम की भूमिका जांचने के लिए वरिष्ठ सीबीआई अधिकारियों समेत गवाहों का बयान लेने के लिए दिल्ली की एक अदालत 8 दिसंबर को जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर निर्णय करेगी।
विशेष सीबीआई जज ओपी सैनी ने स्वामी की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। स्वामी ने 2जी स्पेक्ट्रम आबंटन मामले में चिदंबरम को शामिल करने की मांग की है। स्वामी का कहना है कि स्पेक्ट्रम का मूल्य तय करने पर निर्णय चिदंबरम और पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था।
अदालत में एक याचिका दायर कर स्वामी ने घोटाले में चिदंबरम की कथित संलिप्तता स्थापित करने के लिए वरिष्ठ सीबीआई अधिकारियों समेत कुछ गवाहों का बयान लिए जाने की मांग की है। स्वामी ने कहा कि प्रथम दृष्टया कुछ चीजें एकदम साफ हैं कि दोनों, पी चिदंबरम और पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा ने 2जी स्पेक्ट्रम का मूल्य तय करने पर संयुक्त रूप से निर्णय किया था। इसलिए, जो आरोप ए राजा के खिलाफ लगाए गए हैं, वही आरोप पी चिदंबरम के खिलाफ भी लगाए जाने चाहिए और इसके लिए प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए। अदालत ने चिदंबरम के खिलाफ मामला तय करने के लिए कुछ गवाहों के बयान लेने के संबंध में अपना फैसला 8 दिसंबर के लिए सुरक्षित रख लिया है।
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