अन्ना हजारे सरकारी लोकपाल विधेयक के विरोध में 11 दिसंबर के एक दिवसीय सांकेतिक अनशन के लिए शनिवार सुबह दिल्ली रवाना हो गए। उन्होंने मजबूत जनलोकपाल विधेयक के लिए अपना संघर्ष आखिरी सांस तक जारी रखने का संकल्प व्यक्त किया।विदा करने आए समर्थकों के सामने अन्ना ने कहा, "यह आजादी की दूसरी लड़ाई है और इसके लिए हमें कई बलिदान करने होंगे।"
लोकपाल विधेयक के लिए दीर्घकालीन अनशन की योजना बना रहे अन्ना ने कहा, "जब तक मजबूत जनलोकपाल विधेयक बन नहीं जाता मैं आराम नहीं करुं गा। मैं आखिरी सांस तक संघर्ष करूंगा। यदि सरकार जल्द विधेयक बनाने में विफल रही, तो मैं अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठूंगा।"
इस हफ्ते की शुरुआत में चिकित्सकों ने उन्हें कुछ दिन आराम करने की सलाह दी थी। लेकिन अन्ना शनिवार सुबह प्रसन्न एवं स्वस्थ नजर आ रहे थे। अन्ना ने शुक्रवार को आक्रामक रुख अपनाते हुए संसद में 'कमजोर विधेयक' पेश करने के लिए केंद्र पर हमला किया और कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को इसके लिए दोषी ठहराया। अन्ना जंतर-मंतर पर अनशन करेंगे। इससे पहले अगस्त में अन्ना अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे थे। अन्ना ने भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए तीन प्रमुख मांगों पर संसद के सहमत होने के बाद अनशन तोड़ा था।
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