कोलकाता के एएमआरआई अस्पताल में लगी आग के मामले में गिरफ्तार सात निदेशकों को पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। इस भीषण अग्निकांड में मरने वालों की संख्या 90 तक जा पहुंची है, जिसमें से 89 शवों की शिनाख्त हो चुकी है। मरने वालों में 85 रोगी हैं, जबकि 4 अस्पताल कर्मी हैं।
अस्पताल में सुरक्षा उपायों की पुख्ता व्यवस्था नहीं थी, जिसकी वजह से इतनी जानें गईं। यह भीषण हादसा दक्षिण कोलकाता के घनी आबादी वाले ढाकुरिया इलाके में स्थित एएमआरआई अस्पताल के बेसमेंट में रखी ज्वलनशील सामग्री में आग लगने के बाद हुआ। आग को सबसे पहले स्थानीय निवासियों ने तड़के साढ़े तीन बजे देखा, लेकिन अस्पताल के मुख्य द्वार पर सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया।
आग तेजी से फैल गई और जहरीला धुआं एयरकंडीशन की नलिकाओं के जरिए सात मंजिले अस्पताल के कमरों और बरामदों में भर गया। अधिकतर लोगों की दम घुटने से मौत हुई। मृतकों में अस्पताल के चार कर्मचारियों को छोड़कर शेष लोग रोगी हैं, जो चल फिर तक नहीं सकते थे।
मृतकों में कैंसर से पीड़ित 80 साल का एक व्यक्ति, कांग्रेस नेता अजय घोषाल और 65 वर्षीय बांग्लादेशी नागरिक गौरंग मंडल भी शामिल हैं। अस्पताल में धुआं भर गया था और रोगी वहां से बाहर निकलने के लिए मशक्कत कर रहे थे। वहीं आग की लपटों को देखकर अस्पताल के कर्मचारी भाग खड़े हुए।
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि आग लगने के दो घंटे बाद दमकल गाड़ियां मौके पर आईं। संयुक्त पुलिस आयुक्त दमयंती सेन ने कहा कि अस्पताल के बोर्ड के सदस्यों को गैर इरादन हत्या और लापरवाही बरतने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इनमें जाने माने उद्योगपति एसके तोड़ी भी शामिल हैं। अस्पताल का दृश्य अभी भी भयावह है। पास के लेक पुलिस थाना को सबसे पहले सूचना चार बजकर 10 मिनट पर मिली, इसके 10 मिनट के अंदर अग्निशमन कर्मी ढाकुरिया स्थित एएमआरआई अस्पताल पहुंच गए।
उन्होंने बताया कि एसी की नलिकाओं के जरिए धुआं फैल गया, लेकिन सौभाग्य से ऑक्सीजन सिलेंडरों को आग के प्रसार क्षेत्र से हटा लिया गया। अग्निशमन सेवा और आपदा प्रबंधन मंत्री जावेद खान ने संवाददातओं को बताया कि अधिकतर लोगों की मौत दम घुटने से हुई। शहर के पुलिस सूत्रों ने बताया कि बाद में एएमआरआई अस्पताल से एक व्यक्ति को बचाया गया और एक निजी अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन उसकी मौत हो गई।
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