मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर और हॉकी जगत के सितारे मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न मिल सकता है। सूत्रों के मुताबिक सरकार ने इस बारे में आड़े आ रहे नियमों को बदल दिया है। अब तक खिलाड़ियों को देश का सबसे बड़ा सम्मान भारत रत्न नहीं दिया जाता था। प्रधानमंत्री दफ्तर ने यह फैसला खेल मंत्रालय और गृह मंत्रालय की सिफारिश के बाद किया है। गृह मंत्रालय ने जुलाई में इस बारे में प्रधानमंत्री से सिफारिश की थी।
देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न 1954 में शुरू किया गया था। तब से अब तक 41 लोगों को इससे नवाजा जा चुका है, लेकिन इनमें से कोई भी खिलाड़ी नहीं है। दरअसल, इसकी वजह इससे जुड़ा हुआ एक नियम है। नियमों के मुताबिक भारत रत्न कला, साहित्य और विज्ञान के विकास में असाधारण सेवा के लिए तथा सर्वोच्च स्तर की जन सेवा के लिए दिया जाता है, इसमें खेल का जिक्र कहीं नहीं है।
पद्म पुरस्कारों के नियमों के तहत यह पुरस्कार सभी प्रकार के क्षेत्रों जैसे कि कला, साहित्य, शिक्षा, खेल-कूद, चिकित्सा, सामाजिक कार्य, विज्ञान, इंजीनियरी, सार्वजनिक मामले, सिविल सेवा, व्यापार और उद्योग आदि में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों या सेवाओं के लिए दिए जाते हैं। यही वजह है कि सचिन को नियमों के तहत 'पद्म विभूषण' और सर्वोच्च खेल सम्मान 'राजीव गांधी खेल रत्न' पुरस्कार से तो नवाज जा चुका है, लेकिन भारत रत्न उनके खाते में अभी तक नहीं आ पाया है। गौरतलब है कि महेंद्र सिंह धोनी, हरभजन सिंह, युवराज सिंह और वीरेंद्र सहवाग जैसे मौजूदा क्रिकेट खिलाड़ियों सहित कई पूर्व क्रिकेटर सचिन को भारत रत्न देने की मांग कर चुके हैं।
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