उच्चतम न्यायालय ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले के मुख्य आरोपी पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा के पूर्व निजी सहायक आर के चंदोलिया की मंजूर की गई जमानत निरस्त करने संबंधी दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले पर बुधवार को रोक लगा दी।
चंदोलिया की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने मामले की त्वरित सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति अल्मतश कबीर और न्यायमूर्ति एस एस निज्जर की खंडपीठ से आग्रह किया। रोहतगी ने दलील दी कि उच्च न्यायालय ने उनके मुवक्किल को जमानत पर रिहा करने के निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी है। उच्च न्यायालय ने चंदोलिया को अदालत में उपस्थित होने का आज तक का समय दिया था।
खंडपीठ ने पहले तो इस मामले की सुनवाई से यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि टूजी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला से संबंधित मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति जी एस सिंघवी की अध्यक्षता वाली विशेष खंडपीठ कर रही है। लेकिन जब श्री रोहतगी ने कहा कि उच्च न्यायालय आज ही उनके मुवक्किल की मंजूर की गयी जमानत निरस्त कर देगा,तब खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी।
उल्लेखनीय है कि सीबीआई अदालत के विशेष न्यायाधीश ओ पी सैनी ने चंदोलिया को कुछ शर्तो के साथ जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था लेकिन उच्च न्यायालय ने स्वत:संज्ञान लेते हुए अगले ही दिन जमानत संबंधी आदेश पर रोक लगा दी थी।
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