अमेरिका में बसने का ख्वाब देख रहे उन भारतीयों के लिए खुशखबरी है, जिनके पास ऊंचे दर्जे का पेशेवर हुनर है। अमेरिकी संसद कांग्रेस के एक सदन में पास हुए कानून के मुताबिक अब ग्रीन कार्ड पाने के लिए उन भारतीयों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा जो अमेरिका में आईटी जैसे उद्योगों में काम कर रहे हैं। मौजूदा हालत में एक भारतीय प्रोफेशनल को अमेरिका में ग्रीन कार्ड पाने के लिए औसतन 10 साल का इंतजार करना पड़ता है। अमेरिका में आईटी इंडस्ट्री में काम कर रहे विदेशी मूल के लोगों में सबसे बड़ी तादाद भारतीयों की है।
मौजूदा वीजा प्रणाली में बदलाव लाने वाले हाई स्किल्ड इमीग्रेशन एक्ट (एचआर 3012) को अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में मंजूरी मिल गई है। इस कानून के वजूद में आने से दुनिया के हर देश के नागरिकों के लिए ग्रीन कार्ड की तय सीमा खत्म कर दी जाएगी। उम्मीद जताई जा रही है कि प्रस्तावित कानून सेनेट में मंजूर कर लिया जाएगा। अमेरिका में हर साल रोजगार पर आधारित 140,000 ग्रीन कार्ड जारी किए जाते हैं। नए कानून के वजूद में आने से पहले आओ पहले पाओ के आधार पर ग्रीन कार्ड बनेंगे।
नए कानून से अमेरिका में काम कर रहे ग्रीन कार्ड हासिल कर चुके पेशेवरों से जुड़े परिवारिक सदस्यों के ग्रीन कार्ड की सीमा में भी बढ़ोतरी होगी। नए कानून में ऐसे ग्रीन कार्ड की मौजूदा 7 फीसदी की सीमा, 15 फीसदी कर दी जाएगी। गौरतलब है कि ग्रीन कार्ड के जरिए विदेशी मूल के लोगों को अमेरिका में कानूनन स्थायी तौर पर रहने और काम करने की आज़ादी मिलती है।
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