"यूथ अगेंस्ट करप्शन" (YAC) के बैनर तले 72 घंटे के राष्ट्रव्यापी धरने के तीसरे और आखरी दिन देश भर के प्रान्त केन्द्रों पर आज हजारों छात्रों ने हिस्सा लिया | भ्रष्टाचार व काले धन के मुद्दे को लेकर इस राष्ट्रव्यापी धरने में 25 स्थानों पर एक लाख से ज्यादा छात्र-युवा और लोगों ने भाग लिया | इसमें कई सामाजिक, युवा, राजनैतिक संगठनों के अनेकों कार्यकर्ताओं ने YAC के समर्थन में उतरकर इस धरने को और प्रखर व प्रभावी बनाया |
देश भर के कई गैर राजनैतिक संगठनों ने इस महाधरने का समर्थन किया व अपने समर्थन पत्र YAC को दिए | इन 72 घंटों के महाधरनों में YAC ने कई मुद्दों को उठाया | वर्त्तमान संसद सत्र में भ्रष्टाचार से निपटने के लिए एक ठोस कानून और विदेशी बैंकों में पड़े काले धन को वापस लाकर राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करने की मांग भी इसमें की गयी | आज YAC के राष्ट्रीय सह-संयोजक विष्णुदत्त शर्मा ने रायपुर, दूसरे सह-संयोजक रविकुमार ने हैदराबाद, YAC राष्ट्रीय समिति सदस्य मंत्री श्रीनिवास ने बेंगलुरु में इन महाधरनों का नेतृत्त्व किया |
उत्तराखंड के हल्द्वानी में इन्ही मुद्दों को लेकर रैली का आयोजन किया गया जिसमे 5000 से अधिक छात्र-युवाओं ने सहभागिता देकर इस भ्रष्टाचार व व्यवस्था के विरूद्ध अपना आक्रोश प्रकट किया | भ्रष्टाचार तथा भ्रष्ट लोगों का बचाने वाली तथा उनका पोषण करने वाली केंद्र सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प भी हजारों की संख्या में सम्मिलित लोगों ने किया | दिल्ली में जंतर-मंतर पर किये गए धरने में उमेश दत्त ने बताया कि भ्रष्टाचार से लोगों का ध्यान हटाने के लिए UPA सरकार ने FDI के विषय को लाया है | लेकिन लोग बेवकूफ नहीं है, हम इन दोनों मुद्दों के विरोध में प्रखरता से लड़ेंगे और सरकार को सबक सिखायेंगे |
महाधरनों में समग्र व्यवस्था परिवर्तन कि मांग भी उठाई गयी | YAC के राष्ट्री संयोजक सुनील बंसल ने बताया कि जल्द ही YAC चुनाव, प्रशासन, पुलिस, शिक्षा और न्यायिक व्यवस्था के बारे में व्यापक सुधार के बारे में विचार-विमर्श करके एक ठोस प्रारूप लेकर सामने आएगी | इन महाधरनों को मिले उत्साहवर्धक प्रतिसाद को देखते हुए उन्होंने कहा YAC भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए संकल्पबद्ध है हम आगे इस आन्दोलन को और तीव्र बनाते हुए सरकार पर दबाव बनायेंगे |
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