अन्ना हजारे की जेल भरो आंदोलन की चेतावनी के बाद केंद्र सरकार ने संसद के शीतसत्र को आगे बढा़ने का मन बनाया है। सरकार का कहना है कि वो लोकसभा में लोकपाल बिल का बदला हुआ रूप प्रस्तुत करेगी।
संसदीय कार्यमंत्री पवन कुमार बंसल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार संसद के निचले सदन में बिल को प्रस्तुत करने और पास कराने को लेकर आश्वस्त है। बंसल ने यह भी कहा कि सरकार का पहला काम स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट के बाद बिल में अपने और विभिन्न अन्य संगठनों से मिले विचारों को समाहित करना है, इसमें बुधवार शाम को हुई सर्वदलीय बैठक में आए पार्टियों के विचार भी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री के मास्को से लौटने के बाद ही कैबिनेट इस बारे में रविवार या फिर सोमवार को कोई फैसला लेगी। बंसल ने हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया कि सरकार बिल को संसद में कब पेश करेगी लेकिन मौजूदा सत्र 22 दिसंबर को समाप्त हो रहा है जिससे स्पष्ट है कि बिल पास कराने के लिए सरकार के पास सिर्फ एक हफ्ता ही बचा है।
बंसल ने यह भी कहा कि उन्होंने विभिन्न पार्टियों को पहले से ही संसद के सत्र को एक दिन बढ़ाने के संकेत दिए हैं। दूसरी ओर कुछ सरकारी सूत्रों का कहना है कि क्रिसमस की छुट्टियों के मद्देनजर शीत शत्र को दोबारा जनवरी में फिर से शुरु किया जा सकता है। संसदीय नियम के अनुसार नए साल के पहले सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति के भाषण से होनी चाहिए लेकिन सरकार मौजूदा सत्र को ही चालू रखकर इस दिक्कत से निपट सकती है और बजट सत्र को साल 2012 का पहला सत्र घोषित कर सकती है।
शीतसत्र के आगे बढ़ने की संभावनाओं के बीच टीम अन्ना सदस्य किरण बेदी ने कहा है कि यदि संसद में लोकपाल बिल रखा जाता है और सत्र की कार्रवाई आगे बढ़ती है तो अन्ना हजारे अपने अनशन को शुरु करने के लिए इंतेजार कर सकते हैं। किरण बेदी ने कहा कि यदि अन्ना को दिखेगा कि सरकार लोकपाल बिल पास करने के लिए काम कर रही है और सत्र आगे बढ़ रहा है तो वो फिर अनशन पर 27 दिसंबर से नहीं बैठेंगे और न ही जेल भरो आंदोलन शुरु किया जाएगा।
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