भारत के पूर्व टेस्ट क्रिकेटर और बीजेपी सांसद नवजोत सिंह सिद्धू विवादों में घिर गए हैं। सिद्धू पर आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में मौजूद टोल प्लाजा के गार्ड का अपहरण करने का आरोप लगा है। सिद्धू की मंगलवार को नेल्लोर के नजदीक टोल गेट पर सुरक्षाकर्मियों से बहस हो गई। सुरक्षाकर्मियों द्वारा कार रोके जाने की चेतावनी न सुनने के बाद यह कहासुनी हुई। सिद्धू भाजपा नेता वेंकैया नायडू द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने चेन्नई से नेल्लोर जिले के वेंकटचलम जा रहे थे। पुलिस के अनुसार हाइवे पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने कार रोकने का इशारा कर टोल का भुगतान करने को कहा।
जब सिद्धू के ड्राइवर ने कार नहीं रोकी तो टोल प्लाजा के गार्ड पी. चंचूरामैया ने एक रॉड से कार के सामने के शीशे को मार दिया। जिसके बाद सिद्धू कार से उतरे और सुरक्षाकर्मियों से उलझ गए। हालांकि किसी के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया गया है। घटना के बाबत सिद्धू ने कहा कि, ‘मैं पीछे वाली सीट पर बैठा था, जब सुरक्षाकर्मियों ने कार पर बिना किसी बात के हमला कर दिया।’
सिद्धू ने इस बात से इनकार किया कि ड्राइवर ने सुरक्षाकर्मियों की बात नहीं सुनी। सिद्ध ने कहा कि उनकी कार वीआईपी लाइन में थी और ड्राइवर ने कार्ड दिखाकर बताया कि मैं अंदर बैठा हुआ हूं। सूत्रों के मुताबिक सिद्धू के दोस्त और कार के ड्राइवर ने गार्ड को बांधकर अपनी कार में बैठा लिया और उसे लेकर वेंकटचलम के स्वर्ण भारत ट्रस्ट चले गए। टोल प्लाजा के स्टाफ का कहना है कि गार्ड की कोई गलती नहीं थी। स्टाफ के मुताबिक कार पर ऐसा कोई स्टीकर नहीं था, जिससे यह पता चले कि यह किसी सांसद की गाड़ी है। उनके मुताबिक सिद्धू के ड्राइवर ने गार्ड के सिग्नल को नजरअंदाज किया और सर्विस रोड से निकलने की कोशिश की।
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