संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने काबुल में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है और अफगानिस्तान सरकार से कहा है कि वह इस घृणित कार्य को अंजाम देने वाले अपराधियों को न्याय के कठघरे में खड़ा करे। इस हमले में लगभग 60 लोगों की मौत हो गयी थी।
रुस के राजदूत विटली चुरकिन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए आतंकवाद अपने सभी रूपों में सबसे गंभीर खतरों में से एक है। चुरकिन इस महीने 15 देशों की परिषद में अध्यक्ष पद का कार्यभार संभालेंगे। इसमें बताया गया है कि सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने छह दिसंबर को काबुल और मजार-ए-शरीफ में हुई घृणित आतंकवादी घटना की कड़ी निंदा की। इस जघन्य कार्रवाई में मारे गये लोगों और उनके परिवार के प्रति दुख और संवेदना व्यक्त करते हुए परिषद ने अफगानिस्तान सरकार से इस घटना के दोषियों को न्याय के कठघरे में खड़ा करने की मांग की है।
इसमें कहा गया है कि यह हमला आशूरा के दिन किया गया जो पैगंबर मोहम्मद साहब के पोते का शहादत दिवस है। काबुल की एक इबादतगाह में हुए आत्मघाती हमले में कम से कम 54 लोगों के मारे जाने की खबर है जबकि मजलिस-ए-शरीफ में एक मस्जिद के निकट हुए एक और विस्फोट में चार लोगों की मौत हो गयी थी और सैकड़ों अन्य घायल हो गये थे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें