चीन की गुहार को नजरअंदाज करते हुए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल एम के नारायण मदर टेरेसा पर दिए गए तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा का भाषण सुनने पहुंचे। कोलकाता में चीन के दूतावास ने उन्हें इस भाषण को न सुनने की सलाह दी थी।
रिपोर्टों के मुताबिक कोलकाता में चीन के दूतावास ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल एमके नारायण से तिब्बत के निर्वासित नेता और धर्मगुरु दलाई लामा के कार्यक्रम न पहुंचने की सलाह दी थी। जब नारायण से इस संबंध में पत्रकारों ने सवाल किए तो उन्होंने कोई भी जवाब देने से इंकार कर दिया। वहीं कार्यक्रम में पहुंचे तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपनी मां की खराब तबियत के चलते नहीं पहुंच सकीं।
पत्रकारों से बात करते हुए दलाई लामा ने कहा कि उन्हें चीन द्वारा बंगाल के राज्यपाल और मुख्यमंत्री से इस कार्यक्रम में शामिल न होने का आग्रह करने के बारे में जानकर कोई हैरानी नहीं हुई। दलाई लामा ने यह भी कहा कि इस मामले को राजनीतिक रूप नहीं दिया जाना चाहिए। दलाई लामा ने यह भी कहा कि मैं अब राजनीतिक नेता नहीं हूं और नहीं चाहता कि मुझसे जुड़े किसी भी मामले में राजनीति हो। चीन इससे पहले भी मेरा विरोध करता रहा है।
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