मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार पर बिहार के प्रति भेदभाव बरतने का आरोप लगाते हुए इस प्रदेश के विकास के लिए इसे विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग दोहराई।
अपनी सेवा यात्रा के दौरान सहरसा जिला के सिमरी बख्तियारपुर में कल एक रैली को संबोधित करते हुए नीतीश ने केन्द्र सरकार पर बिहार के प्रति भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य के विकास के लिए वे एक लंबे अर्से से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं पर केन्द्र सरकार द्वारा उसकी अनसुनी की जा रही है।
नीतीश ने कहा कि केन्द्र द्वारा बुदेलखंड एवं पश्चिम बंगाल को विशेष पैकेज दिये जाने पर उन्हें आपत्ति नहीं है, परंतु कोशी त्रासदी के पीडितों के लिए कोई अतिरिक्त पैकेज बिहार को नहीं मिला। उन्होंने कहा कि सभी लोग इस बात से अवगत हैं कि इस क्षेत्र के लिए वह एक जल-प्रलय था इसके बावजूद केन्द्र द्वारा कोशी पीडिम्तों के सहायतार्थ किसी प्रकार की विशेष सहायता प्रदान नहीं किया जाना अमानवीय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट की उस घड़ी में स्वयं प्रधानमंत्री ने इसे राष्ट्रीय आपदा कहा था। केन्द्र सरकार से किसी प्रकार का विशेष पैकेज नहीं मिलने पर राज्य सरकार ने अपने बलबूते पर विश्व बैंक के सहयोग से कोशी क्षेत्र में पुनर्वास एवं पुर्ननिर्माण का कार्य प्रारंभ कराया। उन्होंने कहा कि हमें इथनाल उत्पादन की भी अनुमति नहीं मिल रही है और कोल लिंकेज भी नहीं दिया जा रहा है, जिसके कारण राज्य सरकार चाहकर भी प्रदेश में उद्योग-धंधों का विस्तार करने में असमर्थ है। नीतीश ने कहा कि केन्द्र के सहयोग के बिना भी बिहार की विकास दर 14.15 प्रतिशत है। यदि हमें केन्द्र का सहयोग मिलता तो हम बिहार को एक विकसित राज्य के स्तर पर ला खड़ा करते। उन्होंने केन्द्र सरकार पर दलगत भावना से ग्रस्त होकर पक्षपात करने का भी आरोप लगाया।
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