बिहार के बिहटा में वस्त्र उद्योग की संभावना को देखते हुए राज्य सरकार ने वहां 20 एकड़ जमीन चिह्न्ति कर दिया है जहाँ अपैरल सिटी बनेगा। प्रोमोशन बोर्ड के आग्रह पर यह कार्रवाई की गई। पूर्णिया में जूट पार्क और भागलपुर में फूड पार्क के बाद औद्योगिकरण की दिशा में सरकार की दूसरी बड़ी पहल है। उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि दूसरे राज्यों के वस्त्र उद्योग बिहार के लोगों के भरोसे चलते हैं। अब यहां ऐसे उद्योग लगेंगे तो पोषाक निर्यात भी होंगे। वह सोमवार को होटल मौर्या में फिकी की ओर से आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे।
मोदी ने कहा कि उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बैंकों को भी कम ब्याज पर लोन देना चाहिए। उद्योग के लिए जमीन और बिजली दोनों ही बहुत महत्वपूर्ण है। राज्य में जनसंख्या का घनत्व अधिक (1102 प्रति वर्ग किलोमीटर) होने के कारण जमीन को लेकर परेशानी है। बावजूद 1893 इकाइयों को जमीन दी गई है। वर्ष 2006-07 में बियाडा के तहत मात्र 346 इकाइयां थी आज उनकी संख्या 1035 है। बिजली के मामले में हम जल्द ही आत्मनिर्भर हो जाएंगे। केन्द्र अगर कहलगांव और बाढ़ में उत्पादित बिजली में राज्य का शेयर थोड़ा बढ़ा दे तो बड़ी मदद होगी।
अभी राज्य सरकार 300 मेगावाट बिजली खरीद रही है। फ्यूएल सरचार्ज को मजबूरी बताते हुए उन्होंने कहा कि पिछले साल रिसोर्स गैप के रूप में सरकार ने बिजली बोर्ड को 1080 करोड़ रुपये दिए थे। इस साल यह बढ़कर ढाई हजार करोड़ हो गया है। जितनी अधिक बिजली की आपूर्ति की जाएगी घाटा उतना ही बढ़ेगा। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने औद्योगिकरण के लिए कुछ नहीं किया। राज्य में ईख की खेती के लिए तीन सिंचाई की जरूरत होती है जबकि महाराष्ट्र में 20 सिंचाई।
राज्य की कई चीनी मिलें बंद हो गई है जबकि महाराष्ट्र में कई नई खुल गई। अब एनडीए सरकार की पहल पर मिलें खुल रही हैं। इंडस्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष केपीएस केशरी, चैम्बर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष ओपी साह और फिकी की कृषि कमेटी के अंजनी सिन्हा ने भी संबोधित किया। फिकी की उप महासचिव ज्योति मल्होत्रा ने स्वागत किया। इस मौके पर आयकर आयुक्त रंजीत पुनहानी, कृषि सचिव एन विजय लक्ष्मी, बियाडा की निदेशक आंशुली आर्या के अलावा एनके ठाकुर भी उपस्थित थे।
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