पाकिस्तान स्थित अमरीकी राजदूत डॉक्टर कैमरुन मंटर ने इसकी पुष्टि की है कि अमरीकी सैनिक शम्सी एयरबेस छोड़ रहे हैं. शम्सी एयरबेस दक्षिणी बलोचिस्तान प्रांत में स्थित है. हालाँकि अमरीकी राजदूत ने इस बारे में और ज़्यादा विवरण नहीं दिया. पिछले दिनों नेटो सेना के हमले में 24 पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने के बाद पाकिस्तान ने अमरीका से कहा था कि वो शम्सी एयरबेस को ख़ाली कर दे.
शम्सी एयरबेस का इस्तेमाल पाकिस्तान के क़बायली इलाक़ों में तालिबान और अल क़ायदा चरमपंथियों के ख़िलाफ़ ड्रोम हमले के लिए किया जाता था. इस्लामाबाद में पत्रकारों से बातचीत में अमरीकी राजदूत डॉक्टर मंटर ने स्पष्ट रूप से कहा कि अमरीका पाकिस्तान की मांग को पूरा कर रहा है. शम्सी एयरबेस के निकट रहने वाले स्थानीय लोगों का कहना है कि कई दिनों तक यहाँ कोई गतिविधि नहीं थी, लेकिन अब यहाँ एक विमान पहुँचा है.
पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि शम्सी एयरबेस पर मौजूद सभी अमरीकी उपकरण विमानों से ले जाए जा रहे हैं. पाकिस्तान से कई बार ये मांग की गई थी कि वो अपना फ़ैसला टाल दे. लेकिन पाकिस्तान ने इन मांगों को नहीं माना. नेटो हमले में पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने के बाद पाकिस्तान ने कई क़दम उठाए हैं, जिनमें से एक शम्सी एयरबेस को ख़ाली कराना भी है. इस हमले के बाद पाकिस्तान में काफ़ी नाराज़गी है.
पाकिस्तान की सरकार ने नेटो सैनिकों के लिए पाकिस्तान से होकर की जाने वाली आपूर्ति को भी बंद करने का फ़ैसला किया है. इसके अलावा अफ़ग़ानिस्तान के भविष्य को लेकर हो रहे बॉन सम्मेलन से भी पाकिस्तान अलग हो गया है. अमरीका और उसके सहयोगी देशों ने पाकिस्तान से अपील की थी कि वो इस सम्मेलन में हिस्सा ले, लेकिन पाकिस्तान का कहना है कि वो उस समय तक अपना फ़ैसला वापस नहीं लेगा, जब तक औपचारिक रूप से उससे माफ़ी नहीं मांगी जाती और ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं होती.
पाकिस्तान की सरकार ने नेटो सैनिकों के लिए पाकिस्तान से होकर की जाने वाली आपूर्ति को भी बंद करने का फ़ैसला किया है. इसके अलावा अफ़ग़ानिस्तान के भविष्य को लेकर हो रहे बॉन सम्मेलन से भी पाकिस्तान अलग हो गया है. अमरीका और उसके सहयोगी देशों ने पाकिस्तान से अपील की थी कि वो इस सम्मेलन में हिस्सा ले, लेकिन पाकिस्तान का कहना है कि वो उस समय तक अपना फ़ैसला वापस नहीं लेगा, जब तक औपचारिक रूप से उससे माफ़ी नहीं मांगी जाती और ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं होती.
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