शनिवार को साल का अंतिम पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। इस खगोलीय नजारे को देखने के लिए भारत सर्वाधिक उपयुक्त स्थानों में से एक है जहां शुरू से आखिर तक इसे विभिन्न चरणों में देखा जा सकेगा।
इस खगोलीय घटना को समूचे देश में देखा जा सकेगा। नेहरु तारामंडल की निदेशक एन रत्नाश्री ने बताया कि शनिवार को पूर्ण चंदग्रहण होगा जब चंद्रमा धरती की छाया से पूरी तरह ढक जाएगा। चंद्रग्रहण तब होता है जब सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती है और इस तरह चांद पृथ्वी की छाया में छिप जाता है। यह केवल तभी होता है जब सूर्य पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में हों।
इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स ने कहा कि जाड़े की रात में घटना का जबर्दस्त नजारा देखने का मौका मिलेगा। ग्रहण भारतीय समयानुसार रात आठ बजकर एक मिनट 50 सेकंड पर अपने चरम पर होगा। यह शाम पांच बजकर दो मिनट से शुरू होगा और रात 11 बजकर दो मिनट पर खत्म होगा। प्रतिछाया चरण शाम छह बजकर 15 मिनट पर शुरू होगा और रात नौ बजकर 48 मिनट तक चलेगा। पूर्ण चरण की शुरुआत शाम सात बजकर 36 मिनट पर होगी और यह रात आठ बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगा।
समूचा घटनाक्रम एशिया और ऑस्ट्रेलिया से देखा जा सकेगा। साइंस पॉपुलराइजेशन एसोसिएशन ऑफ कम्युनिकेटर्स एंड एजुकेटर्स के सीबी देवगन ने कहा कि यूरोप और अफ्रीका के पर्यवेक्षक ग्रहण के शुरुआती चरण नहीं देख पाएंगे, क्योंकि ये चंद्रमा के उदित होने से पहले घटित होंगे। प्लैनेटरी सोसायटी ऑफ इंडिया के एन रघुनंदन कुमार ने कहा कि यह ग्रहण 2018 तक का सबसे लंबी अवधि वाला ग्रहण होगा। उन्होंने कहा कि इस खगोलीय घटना को देखने के लिए भारत सर्वाधिक उपयुक्त स्थानों में से एक है जहां शुरू से लेकर आखिर तक ग्रहण को इसके विभिन्न चरणों में देखा जा सकेगा। कुमार के अनुसार भारत और इसके आसपास के लोगों के लिए शुरू से लेकर अंत तक विभिन्न चरण पूर्ण चंद्रग्रहण देखने का मौका 27-28 जुलाई 2018 को आएगा।
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