केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने शनिवार को कहा कि वन क्षेत्र में खनन गतिविधि पर रोक लगाई जाए। उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "मैं वन क्षेत्र में खनन के खिलाफ हूं। इसमें वनवासियों को नजरंदाज किया जाता है।" उन्होंने कहा, "मैं सारंदा जंगल को भी प्रतिबंधित क्षेत्र बनाने के पक्ष में हूं। जब मैं वन एवं पर्यावरण मंत्री था, तब यह जंगल प्रतिबंधित क्षेत्र था। मैंने सारंदा जंगल में स्थित चिरिया खदान में खनन के लिए भूक्षेत्र बेचे जाने पर कई शर्त लगाए थे। सारंदा जंगल में बहुमूल्य साल के पेड़ हैं, जिनके बढ़ने में काफी समय लगता है।"
उन्होंने नक्सल प्रभावित क्षेत्र में विकास और राजनीतिक गतिविधि बढ़ाने की भी जरूरत बताई। रमेश झारखंड की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। उन्होंने नक्सल प्रभावित सारंदा क्षेत्र का दौरा भी किया और यहां कई विकास कार्यो की शुरुआत की। उन्होंने माना कि पिछले 50 सालों में सरकार ने वनवासी बहुल क्षेत्र में विकास पर यथोचित ध्यान नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि विकास के नाम पर बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा और अन्य राज्यों के वनवासियों का विस्थापन होता रहा है और उनमें से कई का तो कई बार विस्थापन हुआ है।
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