पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने की बात कबूल करने वाले कश्मीरी अलगावादी गुलाम नबी फई ने दावा किया है कि उसने बीते दो दशकों के दौरान भारत सरकार के कई मंत्रियों से नियमित तौर पर मुलाकात की थी और यहां भारतीय दूतावास के साथ संवाद का एक माध्यम भी बना लिया था।
62 साल के फई ने अमेरिका की एक अदालत में आईएसआई का एजेंट होने का आरोप स्वीकार कर लिया। उसने एक बयान में कहा है कि भारत के मंत्रियों और अधिकारियों से मिलना नई दिल्ली के साथ संवाद कायम करने की रणनीति का हिस्सा था।
फई ने अपने बयान को कश्मीर मेरे लिए क्यों महत्वपूर्ण है शीर्षक दिया है। उसका दावा है कि बीते 20 वर्षों के दौरान मैंने संयुक्त राष्ट्र महासचिव के पूर्व वरिष्ठ सलाहकार यूसुफ बक और वर्ल्ड कश्मीर फ्रीड़ा मूवमेंट के अध्यक्ष रहे मरहूम अयूब ठुकेर के साथ चंद्रशेखर, नरसिंह राव, अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल के कई सदस्यों से मुलाकात की थी।
1 टिप्पणी:
हमें तो पहले ही विस्वास था कि रंगनाथ मिश्र कमेटी रिपेर्ट,सच्चर कमेटी रिपोर्ट के पीछे ISI है ।
एक टिप्पणी भेजें