पाकिस्तान में सत्तारुढ़ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी दुबई में इलाज करा रहे अपने पिता और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से नाराज बताए जा रहे हैं। स्थानीय मीडिया में प्रकाशित खबरों के मुताबिक बिलावल ने पंजाब सूबे के गवर्नर सलमान तासिर की हत्या पर जरदारी की प्रतिक्रिया को लेकर नाखुशी जाहिर की है।
बिलावल अपने पिता के एक फैसले से नाखुश हैं। तासीर की उनके अंगरक्षक द्वारा हत्या के मामले में जरदारी ने ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई। इस पर बिलावल ने पार्टी मीटिंग में नाराजगी व्यक्त की थी। अखबार ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि बिलावल का कहना था कि यह हत्या धार्मिक कट्टरता की वजह से की गई थी। राष्ट्रपति जरदारी को इसके खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए थे।
बिलावल भुट्टो ने पीपीपी के मामलों में काफी सक्रियता दिखाई दी है। दिल की बीमारी को लेकर जरदारी जब से दुबई गए हैं तब से बिलावल ने प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के साथ कई अहम बैठकों की अध्यक्षता भी की। इन बैठकों में नाटो के हवाई हमले में 24 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत के बाद देश के सुरक्षा हालात पर भी चर्चा की गई। सूत्रों के अनुसार बिलावल को लगता है कि राष्ट्रपति जरदारी को मजहबी कट्टरपंथ के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करना चाहिए, जो सलमान तासीर की हत्या का कारण बना। लोग समझते हैं कि बिलावल युवा हैं और राजनीति की समझ नहीं रखते, लेकिन पार्टी सूत्र इस धारणा से इत्तेफाक नहीं रखते।
23 साल के बिलावल सितंबर 2013 तक पाकिस्तानी संसद के सदस्य नहीं बन सकते। लेकिन बीमारी के चलते अपने पिता के अचानक दुबई चले जाने के बाद उन्होंने पार्टी प्रमुख के तौर पर सक्रिय भूमिका निभानी शुरू कर दी। पार्टी सूत्र बताते हैं कि बिलावल मार्च 2012 में होने वाले सीनेट के चुनावों में पीपीपी के अध्यक्ष के तौर पर अपनी भूमिका को लेकर बेहद उत्सुक दिखाई दे रहे हैं। एक सूत्र ने बताया कि बिलावल अगले आम चुनावों में पार्टी के घोषणापत्र और नीतियां तैयार करने में अहम भूमिका निभाएंगे।
पीपीपी ने ऐलान किया था कि पिछले साल सात अगस्त को बर्मिंघम में बिलावल का राजनीतिक कॅरियर औपचारिक तौर पर लॉन्च किया जाएगा लेकिन उस वक्त जरदारी की इस बात को लेकर आलोचना होने लगी कि सिंध प्रांत के लोग बाढ़ की तबाही से जूझ रहे हैं और राष्ट्रपति लंदन घूमने जा रहे हैं। इसके चलते यह कार्यक्रम रद्द करना पड़ा।
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