बर्ड फ़्लू वायरस के शोध पर गहरी चिंता. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 31 दिसंबर 2011

बर्ड फ़्लू वायरस के शोध पर गहरी चिंता.


विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बर्ड फ़्लू के एच-5-एन-1 वायरस पर हाल में ही हुए एक शोध पर गहरी चिंता जताई है जिसके दौरान ये पाया गया है कि इस विषाणु की एक ऐसी क़िस्म विकसित की जा सकती है जो ज़्यादा आसानी से फैल सकता है. 

जेनेवा स्थित विश्व स्वास्थ्य संगठन मुख्यालय से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस तरह के शोध काफ़ी ख़तरनाक हैं और इनपर कड़ी निगरानी रखी जानी चाहिए.पिछले सप्ताह ज़ुकाम (इन्फ़्लुएन्ज़ा) पर शोध कर रही दो टीमों ने घोषणा की थी कि उन्हें ऐसे तरीक़ों का पता चला है जिससे बर्ड फ़्लू वायरस अधिक तेज़ी से फ़ैल सकता है.

अमरीका के स्वास्थ्य अधिकारियों ने शोधकर्ताओं से कहा था कि वो इस रिसर्च के विवरण प्रकाशित न करें.
स्वास्थ्य अधिकारियों को ये डर था कि शोधपत्र की जानकारियों का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों में किया जा सकता है. डब्ल्यूएचओ का बयान एक ऐसे समय आया है जब चीन में बर्ड फ़्लू का एक संदिग्ध मामला सामने आया है.

 हॉंग कॉंग में सरकार ने अलर्ट घोषित किया था. वहाँ एक मृत मुर्गी में बर्ड फ़्लू पाया गया था. बर्ड फ़्लू, इन्फ़्लुएन्ज़ा की सबसे ख़तरनाक क़िस्मों में से एक है जिसकी चपेट में आने वाले मानवों में से साठ प्रतिशत की मौत हो जाती है. लेकिन इसने अबतक महामारी की शक्ल अख़्तियार नहीं की है क्योंकि इसके वायरस का मानवों के बीच फैलना तक़रीबन नामुमकिन है.

डब्ल्यूएचओ सामान्यत: चिकित्सा के क्षेत्र में नई जानकारियों का स्वागत करता है लेकिन वो इस मामले को लेकर चिंतित है जिसमें शोधकर्ताओं ने बर्ड फ़्लू की एक नई क़िस्म विकसित करने की बात कही है. स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि कोई भी शोध, जिसमें एच-5-एन-1 की कोई ख़तरनाक क़िस्म विकसित हो सकती है, नए जोखिम पैदा कर सकता है, और इसे आगे तब तक जारी नहीं रखा जाना चाहिए जबतक आम लोगों के स्वास्थ्य संबंधी सारी चिंताओं का हल न ढूंढ़ लिया गया हो.

संगठन ने आगे कहा है कि प्रयोग में वायरस के इस्तेमाल और संबंधित शोध के क्षेत्र में नए नियमों को लागू किया जाना चाहिए. साल के दौरान डब्ल्यूएचओ के 194 सदस्य देशों ने महामारी से निपटने की तैयारी को लेकर कुछ नियम तैयार किए थे. डब्ल्यूएचओ के बयान से ये ज़ाहिर होता है कि शोधकर्ताओं ने उनका पालन उतनी कड़ाई से नहीं किया.

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