सीबीआई ने धनबाद और रामगढ़ के कोयला व्यवसायियों अग्रवाल बंधुओं से कोयले के अनुबंधन मामले में दस्तावेज मांगा है। जानकारी मांगी गयी है कि फैक्ट्रियों के लिए सरकारी दर पर कितनी मात्र में कोयला लिया गया था और कितनी मात्र में खर्च किया गया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मंजीव अग्रवाल, कैलाश संतोष अग्रवाल तथा एस पोद्दार से पिछले चार सालों का इस संबंध में दस्तावेज मांगे गये हैं। सीबीआई इन व्यवसायियों द्वारा लिये गये कोयला के अनुबंधन मामले में छानबीन कर रही है। सीबीआई को शिकायत मिली थी कि ये व्यवसायी अपनी फैक्ट्रियों के लिए हजारों मिट्रिक टन कोयला उठाते हैं और उसे कारखाने में इस्तेमाल न करके बाजार दर में उसे मंडियों में बेचकर करोड़ों रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं।
अनुबंधन के तहत कोयला सरकारी दर पर बीसीसीएल व्यवसायियों को देता आया है। कोयला की बाजार दर सरकारी दर की तुलना में काफी अधिक होती है। आयकर विभाग ने इन व्यवसायियों के ठिकाने पर जून में छापेमारी भी की थी। धनबाद, रामगढ़, गुजरात के सूरत, बंगलुरु और कोलकाता में छापेमारी कर अनुबंधन से संबंधित दस्तावेज जब्त किया गया था
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