शिक्षा के साथ हुनर को भी सिखाया जाए. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 1 दिसंबर 2011

शिक्षा के साथ हुनर को भी सिखाया जाए.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को पटना स्थित एन एन सिंहा सामाजिक अध्ययन संस्थान में आयोजित नई तालीम द्वितीय सम्मेलन 2011 का आज उदघाटन करते हुए नीतीश ने कहा कि ज्ञान को हुनर के साथ जोडा जाएगा। नितीश कुमार ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने चंपारण में सत्याग्रह के समय बिहार से ही नई तालीम का प्रयोग शुरू किया था और उनकी यही अवधारणा थी कि प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा के साथ हुनर को भी सिखाया जाए।

नीतीश ने कहा कि प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा ग्रहण के समय उन्हें सूत कातना, चरखा चलाने के साथ गमछा बनाना भी सिखाया गया था। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता के सतत प्रयास से बिहार में 391 बुनियादी विद्यालयों की स्थापना हुई थी, लेकिन आज ये बुनियादी विद्यालय पूर्ण अस्तित्व में नहीं है। नीतीश ने कहा कि प्रदेश के बुनियादी विद्यालयों को ज्ञान के साथ हुनर को जोड़कर उन्हें पुनर्जिवित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य के मानव संसाधन, श्रम संसाधन और स्वास्थ्य विभाग के प्रधानसचिव क्रमश: अंजनी कुमार सिंहा, व्यास जी और अमरजीत सिंहा को नई तालीम के संबंध में यह दायित्व दिया गया है कि गांधी जी के विचारों के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा का भी समावेश हो तथा पूरे देश में तालीम की दिशा में एक माडल बने।

नीतीश ने कहा कि नई तालीम को कृषि एवं हुनर के साथ भी जोडा जाएगा तथा इसमें आधुनिक एवं सामान्य शिक्षा दिए जाने का भी प्रावधान हो और इस रचनात्मक एवं बहुपयोगी कार्य के लिए जितनी राशि की जरूरत होगी बिहार सरकार व्यय करेगी। नीतीश ने कहा कि बिहार का क्षेत्रफल 94 हजार वर्ग किलोमीटर है तथा इसकी आबादी अब करीब दस करोड़ हो गयी है और यहां दो करोड से ज्यादा बच्चों स्कूल में शिक्षारत हैं। उन्होंने कहा कि 10 हजार करोड़ रूपये का व्यय शिक्षा के क्षेत्र में होता है। प्राथमिक, मध्य एवं उच्च विद्यालय का अनुश्रवण तो सरकार द्वारा होता है, लेकिन विश्वविद्यालय स्तर पर कितनी राशि व्यय की जाती है तथा कितने लोगों को शिक्षित किया जाता है। इसका भी ब्योरा सरकार को मिलना चाहिए।

नीतीश ने कहा कि कितनी राशि खर्च की जाती है, खर्च के अनुपात में शिक्षा की क्या गुणवत्ता है यह भी देखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में केंद्र सरकार जो भी शर्त हम पर थोपती है, उसे हम मानने के लिए बाध्य हैं। नीतीश ने कहा कि शिक्षा समवर्ती सूची में है और शिक्षा के क्षेत्र में राज्य को कार्य करने दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सामान्य शिक्षा प्रणाली को लोग भूल चुके हैं और अब केंद्र सरकार हर प्रखंड माडल स्कूल बनाने जा रही है। नीतीश ने कहा कि नवोदय और केंद्रीय विद्यालय तो एक हद तक ठीक है पर केंद्र सरकार जितनी राशि प्रखंड स्तर पर माडल स्कूल खोलने में व्यय करेगी उतनी राशि में चार उच्च विद्यालय खोल सकते हैं।

नीतीश ने कहा कि हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय ग्रामीण परिषद के अध्यक्ष एस बी प्रभात के परामर्श के अनुसार नई तालीम के लिए राज्य के मानव संसाधन मंत्री पी के शाही के नेतत्व में एक कमेटी का गठन होना है, जिसके सचिव मानव संसाधन विभाग के सचिव अंजनी कुमार सिंह होंगे तथा कमेटी में आठ अन्य सदस्य होंगे। समारोह को संबोधित करते हुए पी के शाही ने कहा कि नई तालीम के इस कार्यशाला का उद्देश्य बुनियादी विद्यालयों के माध्यम से छात्रों के व्यक्तित्व का सर्वागीण विकास होगा।

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