योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने गुरुवार को मेडिकल शिक्षा को विदेशी निवेश के लिए खोलने की पहल की, ताकि डाक्टर और नर्सिंग से जुड़े कर्मचारियों समेत इस क्षेत्र के लिए पेशेवरों की संख्या बढ़ाई जा सके।
अहलूवालिया ने सीआईआई द्वारा आयोजित स्वास्थ्य सम्मेलन के मौके पर कहा मेरा विचार है कि निजी निवेश के लिए दरवाजे खोलना ही बहुत महत्वपूर्ण है और जहां भी निजी को निवेश की अनुमति है, वहां मुझे विदेशी निवेश को अनुमति देने में कोई हर्ज नहीं लगता।
अहलूवालिया की टिप्पणी ऐसे वक्त पर आई है, जबकि सरकार की बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र को विदेशी निवेश के लिए खोलने के फैसले के लिए आलोचना हो रही है। इस फैसले के कारण संसद में गतिरोध पैदा हो गया है और यहां लगातार आठवें दिन कोई काम नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि यदि निजी क्षेत्र अगले कुछ साल में 10,000 बिस्तरों की व्यवस्था कर रहे हैं तो आपके पास और 30 मेडिकल कालेज स्थापित करने की जरूरत होगी।
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