राज्य सरकार नया एपार्टमेंट कानून लाने जा रही है। नगर विकास विभाग ने इसका प्रारूप तैयार कर लिया है। इसके अलावा किरायदारों के लिए कानून और नगर निगम एक्ट में संशोधन की भी तैयारी की जा रही है। डिप्टी सीएम व विभागीय मंत्री हेमंत सोरेन ने नए एक्ट लाने की मंजूरी दे दी है। तीनों प्रस्तावों को कैबिनेट की अगली बैठक में रखा जाएगा। कैबिनेट से मंजूरी के बाद आगामी विधानसभा सत्र के दौरान सदन में पेश किया जाएगा।
राज्य में काफी तादाद में एपार्टमेंट बन रहे हैं। शुरुआती दौर में एपार्टमेंट निर्माण से संबंधित कानून लाया गया था, लेकिन यह कारगर साबित नहीं हो रहा था। नए कानून के तहत बिल्डर को हर फ्लैट का मालिक के नाम से पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। पंजीकरण नहीं कराने पर 50 हजार रुपये तक का जुर्माना लगेगा। एक समय सीमा के बाद यह जुर्माना प्रतिदिन के हिसाब से बढ़ता जाएगा। नए कानून में फ्लैट देने के बाद एसोसिएशन बनाने, जिम्मेदारी तय करने आदि कई और प्रावधान किए गए हैं। नया कानून बनने से जहां एक ओर बिल्डरों की मनमानी और गलत कारनामों पर रोक लगेगी वहीं दूसरी ओर सरकार के राजस्व में इजाफा होगा। साथ ही बेनामी फ्लैट पर भी रोक लगेगी।
राज्य में अभी कोई किरायादार कानून नहीं है। राज्य सरकार मकान मालिक और किराएदार को ध्यान में रख कर कानून बना रही है। मकान मालिक और किराएदार के बीच 11 महीने का समझौता होगा। अब मकान मालिक को किराएदार को रसीद देना होगा। एक महीने की नोटिस पर किराएदार से घर खाली कराया जा सकेगा। किराएदार को भी कई तरह की सहुलियतें दी गई हैं। आपसी झगड़े का निपटारा भी तय समय सीमा के अंदर हो इस तरह का प्रावदान किया गया है।
नगर विकास विभाग द्वारा निगम एक्ट में भी संशोधन की तैयारी की जा रही है। इसका प्रारूप तैयार किया जा रहा है। ‘विधानसभा के शीत सत्र में नया एपार्टमेंट कानून, किराएदार कानून और नगर निगम संशोधन एक्ट लाने की योजना है। तीनों एक्ट का प्रारूप विभाग द्वारा तैयार कर लिया गया है, जिसे कैबिनेट के समक्ष पेश किया जाएगा। तीनों कानून राज्य व आम लोगों के हित में है।’
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