राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) के कहलगांव और पश्चिम बंगाल के फरक्का स्थित बिजली संयंत्रों में उत्पन्न कोयला संकट को देखते हुए अब इन्हें हल्दिया पटना जलमार्ग के रास्ते आयातित विदेशी कोयले की आपूर्ति की जाएगी।
निगम के कहलगांव विद्युत संयंत्र के महाप्रबंधक ने बुधवार को संवाददाताओं को यह जानकारी देते हुए बताया कि काफी समय से कोयले की समस्या से त्रस्त कहलगांव और पश्चिम बंगाल के फरक्का स्थित बिजली संयंत्रों को सुचारू ढंग से चलाने के लिए विदेशों से आयतित कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए फरक्का गंगा बराज के निकट टर्मिनल (बंदरगाह) का निर्माण कराया जाएगा। इस टर्मिनल से फरक्का संयंत्र को सीधे सड़क मार्ग के जरिए कोयला भेजा जाएगा जबकि एनटीपीसी के एमजीआर रेलमार्ग से कोयले की आपूर्ति कहल गांव संयंत्र को की जाएगी।
महाप्रबंधक ने बताया कि हल्दिया पटना जलमार्ग से लगे फरक्का बराज के समीप बनने वाले बंदरगाह पर अगले वर्ष जुलाई से विदेशी कोयले का आना आरंभ हो जाएगा। मौजूदा समय में दोनों विद्युत संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति करने वाली ईस्टर्न कोल फिल्ड की राज महल परियोजना पर्याप्त मात्रा में कोयला मुहैय्या कराने में विफल साबित हुई है। उन्होंने बताया कि उक्त दोनों संयंत्रों के लिए प्रतिदिन करीब 90 मीट्रिक टन कोयले की आवश्यकता है लेकिन आए दिन 60 से 65 हजार मीट्रिक टन कोयला ही मिल पाता है। उन्होंने कहा कि कोयले की कमी की वजह से कहलगांव और फरक्का संयंत्रों की प्राय: एक दो इकाईयों को अमूमन बंद रखना पड़ता है और इस कारण विद्युत उत्पादन में भी कमी आती है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में विदेशी कोयलों की आपूर्ति शुरू होने से आए दिन कोयले को लेकर होने वाली परेशानियों पर काफी हद अंकुश लगेगा।
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