गृह मंत्री पी चिदंबरम 2जी मामले में सह आरोपी बनेंगे या नहीं इस मामले पर कोर्ट अब शनिवार की जगह 21 जनवरी को अपना फैसला सुनाएगी। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट को ये तय करना है कि सुब्रहमण्यम स्वामी, गृह मंत्री के खिलाफ जिन दो गवाहों को पेश करना चाहते हैं उन्हें बुलाया जाए या नहीं।
इस मामले में सुब्रहमण्यम स्वामी अदालत में पेश होकर तमाम तथ्यों और तर्कों को रख चुके हैं। अगर कोर्ट स्वामी के बयान और दस्तावेजी सबूतों से संतुष्ट हो जाती है तो चिदंबरम को सीधे सह आरोपी बनाया जा सकता है।
सुब्रहमण्यम स्वामी का आरोप है कि 2003 में हुए टूजी स्पेक्ट्रम की निलामी में ए राजा ने चिदंबरम के साथ मिलकर स्पेक्ट्रम की कीमतों पर फैसला किया था। सुब्रहमण्यम स्वामी का ये भी आरोप है कि ए राजा ने एतिसलात और टेलिनॉर जैसी ब्लैकलिस्टेड कंपनियां को चिदंबरम के आदेश पर ही स्पेक्ट्रम का आवंटन किया था।
स्वामी ने अपने तर्कों को साबित करने लिए अदालत के सामने चिंदबरम और राजा के बीच हुई मुलाकातों का ब्यौरा भी दिया है। अगर अदालत स्वामी की याचिका को स्वीकार करती है तो पांच राज्यों में होनेवाले चुनाव के पहले विपक्ष को कांग्रेस और चिदंबरम पर हल्ला बोलने का बड़ा मौका मिल जाएगा।
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