गृह मंत्री पी. चिदंबरम को 2जी घोटाले में सह आरोपी बनाने की मांग करने वाली याचिका पर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 4 फरवरी तक फैसला सुरक्षित रखा है। यह याचिका जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम स्वामी ने दायर की है।
स्वामी ने आज दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में अपनी दलील पेश की। दलील देने के बाद कोर्ट से बाहर आए स्वामी ने मीडिया से कहा, 'ए. राजा और पी. चिदंबरम ने मिलकर यह अपराध किया है। पहली नज़र में चिदंबरम ने राजा के साथ मिलकर साजिश रची और आपराधिक कृत्य को अंजाम दिया। उन्होंने कोर्ट को बताया है कि जो भी सुबूत अदालत के सामने पेश किए गए हैं, वे चिदंबरम को भ्रष्टाचार निरोधी कानून के तहत तत्कालीन वित्तमंत्री को दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त हैं।'
7 जनवरी को स्वामी ने 2जी मामले के तहत गृह मंत्री पी चिदंबरम के खिलाफ़ महत्वपूर्ण साक्ष्य जमा कराए थे। स्वामी का आरोप है कि वित्त मंत्री रहते हुए पी चिदंबरम ने तत्कालीन संचार मंत्री ए राजा के साथ मिलकर मोबाइल सेवा कंपनी स्वान टेलिकॉम और यूनीटेक को 2जी लाइसेंस दिलाने में मदद की। पिछले साल दिल्ली की एक अदालत में दिए अपने एक अर्ज़ी में स्वामी ने कहा था, ''इन अभियोगों के लिए अकेले ए राजा को दोषी नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि ए राजा ने इस अपराध को अंजाम अकेले नहीं दिया है बल्कि इसमें गृहमंत्री पी चिदंबरम की भी सक्रिय भागेदारी थी।'' उनका तर्क है कि स्पेक्ट्रम की कीमतें निर्धारित करने का फ़ैसला तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा के साथ मिलकर लिया था।
पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ए राजा पर आरोप है कि उन्होंने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में धांधली की थी। स्वामी के मुताबिक़ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 24 फरवरी 2011 को राज्यसभा में कहा था कि स्पेक्ट्रम की क़ीमत साल 2003 के कैबिनेट फ़ैसले के आधार पर निर्धारित किए गए थे और इसी कैबिनेट फ़ैसले में ये स्पष्ट किया गया था कि दाम वित्त मंत्रालय और दूरसंचार मंत्रालय मिलकर तय करेगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें