दुनियाभर में फैले प्रवासी भारतीय उद्योगपति शनिवार से जयपुर में जुटेंगे। मौका है दसवें प्रवासी भारतीय दिवस का। यह सम्मेलन 7 से 9 जनवरी तक चलेगा, लेकिन इसका विधिवत उद्घाटन 8 जनवरी को बिड़ला ऑडिटोरियम में सुबह 9 बजे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह करेंगे। ऐसी खबर है कि प्रधानमंत्री 7 जनवरी की शाम को ही जयपुर आ जाएंगे।
सम्मेलन में करीब 54 देशों के 1,500 प्रवासी भारतीय उद्योगपतियों के आने की संभावना है। उद्योगपति लक्ष्मी निवास मित्तल, शोभा डवलपर्स के चेयरमैन पीएनसी मेनन समेत भारतीय मूल के कई उद्योगपति भी इसमें शामिल होंगे। प्रवासी भारतीय यहां अपने लिए निवेश की संभावनाएं तलाशेंगे। अपने यहां निवेश आकर्षित करने के लिए करीब सात राज्यों के मुख्यमंत्री भी आ रहे हैं। इसमें त्रिनिदाद एवं टोबेगो की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिशेसर मुख्य अतिथि होंगी। इस आयोजन से राजस्थान को 5,000 करोड़ से ज्यादा का निवेश मिलने की उम्मीद है।
बिडला ऑडिटोरियम में राज्य के विकास और संसाधनों की उपलब्धियां प्रदर्शित की जाएंगी। राज्य की निवेश प्रोत्साहन नीति, सिंगल विंडो एक्ट, राज्य सरकार की ओर से उद्योगों को स्टाम्प ड्यूटी, इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी, वैट आदि में छूट और 10 करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश पर कस्टमाइज पैकेज आदि की जानकारी दी जाएगी। साथ ही राजस्थान से होकर गुजरने वाले दिल्ली-मुंबई फ्रेट कॉरीडोर, इंडस्ट्रियल कॉरीडोर, नेशनल मैन्युफैक्चरिंग एंड इन्वेस्टमेंट जोन आदि के बारे में भी बताया जाएगा।
यह सम्मेलन 2003 से लगातार हो रहा है और जयपुर में होने वाला 10वां है। इसकी तारीख 7-9 जनवरी ही रहती है। 9 जनवरी 1915 को गांधी जी दो दशक बाद दक्षिण अफ्रीका से भारत आए थे, जो राष्ट्र-निर्माता बने। इसीलिए सम्मेलन 9 जनवरी को खत्म होता है। 2002 के मुताबिक विश्वभर के अनिवासी भारतीयों और भारतवंशियों की कुल सालाना आय 300 बिलियन डॉलर थी जो उस वक्त देश की जीडीपी से थोड़ी ही कम थी।
यह 6 बार नई दिल्ली में जबकि एक-एक बार मुंबई, हैदराबाद और चेन्नई में हो चुका है। पिछले साल हुए वायब्रेंट गुजरात सम्मेलन के दौरान गुजरात के लिए विभिन्न औद्योगिक घरानों ने तकरीबन 15 लाख करोड़ के निवेश के लिए सहमति दी थी। जिनमें अनिल अंबानी, महिंद्रा और अडानी ग्रुप प्रमुख थे।
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