अन्ना हजारे ने रविवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिह से अपील की कि भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु करार के समय उन्होंने जिस तरह का साहस दिखाया था वैसा ही साहस उन्हें प्रभावी लोकपाल विधेयक पारित कराने में भी दिखाना चाहिए। अन्ना हजारे ने कहा कि प्रधानमंत्री को कुछ ऐसा करना चाहिए ताकि देश उन्हें याद रखे। प्रधानमंत्री को लिखे चार पन्नों के अपने पत्र में अन्ना हजारे ने कहा कि कांग्रेस मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनने का एक और मौका देगी या नहीं इसके बारे में वह पक्के तौर पर नहीं कह सकते। इसलिए एक प्रभावी लोकपाल विधेयक पारित कराने के लिए उन्हें इस अवसर का इस्तेमाल करना चाहिए।
अन्ना हजारे ने कहा, "आप 80 वर्ष के हो गए हैं और देश ने आपको सबकुछ दिया है और अब देश इसके बदले में आपसे कुछ मांग रहा है..इसलिए एक प्रभावी लोकपाल विधेयक पारित कराने का साहस दिखाइए।" सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, "अमेरिका के साथ असैन्य परमाणु करार के लिए आपने अपनी सरकार को खतरे में डाला था, इसलिए एक प्रभावी भ्रष्टाचार-निरोधक कानून के लिए आपको वैसा ही साहस दिखाना चाहिए।" अन्ना हजारे ने कहा, "यह बात पक्की नहीं है कि आपको प्रधानमंत्री बनने का एक और मौका मिलेगा, इसलिए आपको कुछ ऐसा करना चाहिए ताकि देश आपको हमेशा याद रखे। हम आपसे मौजूदा विधेयक को एक प्रभावी विधेयक से बदलने का अनुरोध करते हैं।"
पिछले साल संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा में पारित लोकपाल विधेयक में 'खामियां' गिनाते हुए अन्ना हजारे ने कहा, "लोकसाभा में पारित विधेयक देश के विश्वास के साथ धोखा है। मेरे अगस्त के अनशन के दौरान एक प्रभावी लोकपाल विधेयक लाने के लिए संसद द्वारा मुझे भरोसा दिया गया था।" उन्होंने कहा, "यह संसद के साथ भी धोखेबाजी है क्योंकि आपके लोकपाल विधेयक में संसद की भावना का ख्याल नहीं रखा गया। आपने संसद की सर्वोच्चता का पालन नहीं किया।" अन्ना हजारे ने यह भी सवाल किया कि सरकार केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को अपने नियंत्रण से मुक्त करने को लेकर 'डरी' क्यों है।
पत्र में अन्ना हजारे ने कहा है कि टीम अन्ना ने विधानसभा चुनावों का सामना कर रहे राज्यों में जाने का फैसला किया है और टीम राज्यों में लोगों को जन लोकपाल विधेयक के बारे में बताएगी और टीम ऐसा करना तबतक जारी रखेगी जबतक कि सरकार एक प्रभावी लोकपाल नहीं लाती। प्रधानमंत्री के अलावा अन्ना हजारे ने कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष नितिन गडकरी, उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती, समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को भी पत्र लिखा है और पत्र में उन्होंने इन नेताओं से लोकपाल विधेयक पर उनका रुख पूछा है। अन्ना हजारे ने कहा कि इन सभी नेताओं ने भ्रष्टाचार में शामिल अथवा आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों को अपनी पार्टी का उम्मीदवार बनाया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें