भारतीय स्टेट बैंक ने कहा है कि मुश्किलों का सामना कर रही किंगफिशर एयरलाइंस को दिया गया कर्ज बैड लोन यानी नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) में बदल गया है। एसबीआई के चेयरमैन ने बताया, 'किंगफिशर अपने बकाया कर्ज का भुगतान करने में नाकाम रही है। 31 दिसंबर के बाद से यह लोन एनपीए की श्रेणी में आ गया है।' किंगफिशर पर एसबीआई का करीब 1,580 करोड़ रुपए बकाया है। उन्होंने बताया कि बैंक को अब 250-280 करोड़ रुपए की प्रोविजनिंग करनी होगी।
किंगफिशर का अकाउंट उस समय एनपीए में तब्दील हो गया, जब एक तेल कंपनी ने करीब 100 करोड़ रुपए की गारंटी वापस ले ली। किंगफिशर अपने कर्ज का भुगतान नहीं कर पा रही है। चूंकि 90 दिन का समय पूरा हो गया है, इसलिए यह अकाउंट खुद-ब-खुद बैड लोन में तब्दील हो गया है। किंगफिशर पर बैंकों का कुल करीब 6,419 करोड़ रुपए का कर्ज है। एसबीआई समेत दूसरे बैंकों ने एयरलाइन के लिए दूसरे दौर की डेट रीस्ट्रक्चरिंग नहीं करने का संकेत दिया है। किंगफिशर पर आईडीबीआई बैंक का 727.63 करोड़, पंजाब नेशनल बैंक का 710.33 करोड़, बैंक ऑफ इंडिया का 575.27 करोड़ और बैंक ऑफ बड़ौदा का 537.51 करोड़ रुपए का कर्ज है।
एयरलाइंस के कुल कर्ज में से 750.10 करोड़ रुपए क्युमुलेटिव रीडिमएबल प्रेफरेंस शेयर में तब्दील कर दिए हैं। इसके अलावा, 553.10 करोड़ रुपए नॉन-कन्वर्टिबल क्युमुलेटिव रीडिमएबल प्रेफरेंस शेयर में तब्दील किए गए हैं, जिनको 12 साल की अवधि के बाद भुनाया जा सकेगा। इन बैंकों के अलावा आईसीआईसीआई बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक और कॉरपोरेशन बैंक ने भी किंगफिशर को कर्ज दिया है।
1 टिप्पणी:
aaआज हिन्दुस्तान की सरकार और सारे बैंक मिल कर हिंदुस्तान की भूखी जनता को दो वक्तकी रोटी नही दे पा रही है लोग सर्दी की वजह से मर रहे है उसी वक्त ये सरकार और ये बैंक भी विजय माल्या को जो हिंदुस्तान की संस्कृति तक को बेचेने में पीछे नही रहा जो हर समाया हसिनाओ के बीच पार्टी और जशन मनाता रह कर पैसे उडाता रहता है उसके बारे में चिंता है इनको! इसलिए तो एसा करते है ये लोग!
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