वित्त मंत्रालय बैंक ग्राहकों को अपने बचत बैंक खाता संख्या दूसरे बैंकों में स्थानांतरित करने की अनुमति देने की संभावना तलाश रहा है। इससे ग्राहक बगैर बचत खाता संख्या बदले बैंक बदल सकेंगे।
पिछले साल अक्तूबर में, रिजर्व बैंक ने बचत खाता जमाओं पर ब्याज दरों को नियंत्रणमुक्त कर दिया जिसके बाद कुछ निजी बैंकों ने बचत बैंक जमाओं पर ब्याज दरें बढ़ाकर 7 प्रतिशत तक कर दीं। बैंक बदलने की ऐसी सुविधा से ग्राहक अपने खाते को ज्यादा ब्याज देने वाले बैंक में आसानी से स्थानांतरित करा सकेंगे।
वित्तीय सेवाओं के सचिव डी.के. मित्तल ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘हम बचत खाता संख्या पोर्टेबिलिटी करना चाहते हैं। अभी, कुछ तकनीकी समस्याएं हैं। हमने उनकी पहचान की है और हम जल्द ही उन्हें हल कर लेंगे।’ मित्तल मंत्रालय में एक बैठक में हिस्सा लेने के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। इस बैठक में आर्थिक मामलों के सचिव आर. गोपालन, वित्त सचिव आर.एस. गुजराल और मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु ने हिस्सा लिया।
उन्होंने कहा कि बैंक खाता संख्या पोर्टेबिलिटी को लागू करने के लिए बैंकों को पहचान कोड, अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) नियमों और कोर बैंकिंग साल्यूशन (सीबीएस) पर काम करना होगा। यह सुविधा लागू होने पर ग्राहकों को केवाईसी नियमों से पुन: गुजरे बगैर बैंक बदलने में मदद मिलेगी। मित्तल ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी निवेश चालू वित्त वर्ष के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में सरकारी बैंकों में 6,000 करोड़ रुपये पूंजी निवेश का प्रावधान बजट में किया है। पिछले साल, सरकार ने मोबाइल नंबर और स्वास्थ्य बीमा पालिसियों की पोर्टेबिलिटी की अनुमति दी थी।
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