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बुधवार, 11 जनवरी 2012

दूध के नाम पर हम जहर पी रहे हैं.


देश में दूध के नाम पर लोगों को सफेद जहर परोसा जा रहा है। यह तथ्य सामने आया है कि फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सर्वे में। दिल्ली समेत देश के सभी 33 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में दूध के 68 % सैंपल्स मिलावटी पाए गए हैं। केवल गोवा और पुड्डुचेरी में दूध के सैंपल्स शुद्ध मिले हैं। संस्था के मुताबिक खुले और पैक्ड, दोनों तरह के दूध में मिलावट मिली है। दूध में यूरिया, स्टार्च, खाने का सोडा और डिटर्जेंट मिलाए जाने की बात सामने आई है। 

दिल्ली में फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सर्वे में 70 % दूध मिलावटी पाए गए हैं। दिल्ली में अलग-अलग जगहों से लिए गए 71 सैंपल्स में से 50 मिलावटी पाए गए। दिल्ली में मिलावटखोर दूध में ग्लूकोज और स्किम मिल्क पाउडर मिला रहे हैं। मिलावट का यह खेल दिल्ली में ही नहीं चल रहा है। इस मामले में दूसरे राज्यों की भी हालत ठीक नहीं है। बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और मिजोरम जैसे राज्यों में सौ फीसदी नमूनों में मिलावट दर्ज की गई। 

देशभर से दूध में मिलावट की जांच के लिए कुल 1,791 नमूने लिए गए। इनमें से 68.4 % नमूने तय मानकों के अनुरूप नहीं थे। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में 83% खुले दूध में और 17 % पैक दूध में मिलावट दर्ज की गई। शहरी क्षेत्रों में भी 67 फीसदी खुले और 33 फीसदी पैक दूध में मिलावट पाई गई। 

अथॉरिटी के अनुसार दूध की मांग को पूरा करने के लिए कई नमूनों में पाउडर की अधिकतम मात्रा दर्ज की गई। अधिकतर सैंपल्स में पानी की मिलावट सबसे ज्यादा दर्ज की गई। राजधानी दिल्ली में पाए गए 70 फीसदी मिलावटी नमूनों में फैट (वसा) और पाउडर की मात्रा ज्यादा पाई गई। कुछ क्षेत्रों में दूध में डिटर्जेंट की मौजूदगी भी दर्ज की गई।

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